Sunday, December 22

छापे में नाम पर व्यापारियों का उत्पीड़न

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मेरठ 21 फरवरी (प्र)। मेरठ और हापुड़ में कीटनाशक दवाइयों की दुकानों पर छापेमारी चल रही हैं। छापेमारी के नाम पर व्यापारियों का उत्पीड़न किया जा रहा है। व्यापारियों के प्रतिष्ठानों पर फरीदाबाद से केन्द्रीय कृषि विभाग की टीम पहुंच रही हैं। प्राइवेट स्कार्पियो से ये टीम पहुंच रही है तथा कीटनाशक दवाइयों नमूने लेने के नाम पर व्यापारियों को डराया धमकाया जा रहा है। जो व्यापारी नमूने लेने की धमकी देने के बाद डर जाता है, उससे लाखों रुपये की रिश्वत वसूल दी जाती है। ये टीम व्यापारियों के प्रतिष्ठान पर पहुंची, इसकी गतिविधियां सीसीटीवी कैमरों में भी कैद हुई हैं।अब ये मामला केन्द्रीय राज्यमंत्री डा. संजीव बालियान के पास भी पहुंच गया है तथा उन्होंने इन छापों की जांच कराने की बात कहीं हैं। आखिर टीम में कौन हैं? ये किसके आदेश पर छापेमारी कर रहे हैं? इसकी शिकायत व्यापारियों ने की हैं।

दरअसल, एक टीम स्कार्पियो में छापे मार रही है। आरटीओ से जानकारी की गई तो मालूम हुआ कि ये स्कार्पियो दौराला निवासी अंकित के नाम पर पंजीकरण हैं। जब टीम सरकारी है तो फिर स्कार्पियो प्राइवेट व्यक्ति की क्यों प्रयोग की जा रही है? इसको लेकर व्यापारियों में आक्रोश बढ़ गया है।

व्यापारियों का एक प्रतिनिधि मंडल इस मामले को लेकर एसएसपी से मिलेगा तथा पूरे प्रकरण की शिकायत कर जांच की मांग की जाएगी। व्यापारियों का कहना है कि छापे मारने वाली टीम खुद को केन्द्रीय कृषि विभाग का होना बता रही है। फरीदाबाद में अपना मुख्य ऑफिस होना बता रही है। मेरठ और हापुड़ जनपदों में ही ये टीम पिछले तीन दिन से छापेमारी कर रही है। इस टीम के फुटेज सीसीटीवी कैमरों में भी कैद हो गई हैं। व्यापारियों ने इसकी शिकायत भी कृषि विभाग के जिलाकृषि अधिकारी अमरपाल को भी की हैं। जिला कृषि अधिकारी का कहना है कि छापेमारी की उन्हें कोई सूचना नहीं है। उनके पास केन्द्र सरकार की टीम की कोई सूचना नहीं है। यदि जिला कृषि अधिकारी को इसकी सूचना नहीं है तो फिर छापे कौन मार रहा है? छापेमारी के इस पूरे प्रकरण से व्यापारियों में आक्रोश हैं। व्यापारियों ने अब अपने प्रतिष्ठान ही बंद कर दिये हैं। उधर, व्यापारी अनिल ने बताया कि छापेमारी को लेकर उन्होंने केन्द्रीय राज्यमंत्री डा. संजीव बालियान से भी बात की, जिसकी जांच कराने की मांग की हैं, ताकि छापेमारी करने वाली टीम किस तरह से व्यापारियों का उत्पीड़न कर रही है, उसको लेकर कार्रवाई करने की मांग की हैं।

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