अवैध निर्माण और रिहायशी प्लॉट पर कमर्शियल गतिविधि है जारी
मेरठ 26 अगस्त – सरकार द्वारा शहरों के सुनयोजित विकास हेतु एक निर्माण नीति के तहत घर और दुकान बनाने के लिए नियम निर्धारण के सत ही लैंड यूज भी तय किया गया है और उसके उलंघन पर बड़े जुर्माने और कार्यवाही भी सुनिश्चित की गयी है और इसका पालन करने हेतु प्राधिकरण आवास विकास के साथ ही नगर निगम आदि को भी निर्देश दिये गए है की वो देखे की कहीं इसका उलंघन न हो , मगर जितना दिखाई दे रहा है उसके अनुसार इन विभागो के अफसरो से साँठ गांठ कर निर्माणकर्ताओ द्वारा अपनी और इनकी जेबे भरने के साथ ही सरकार को विभिन्न रूपो में मिलने वाले राजस्व की खुले आम मौखिक सूत्रो और जानकारों के अनुसार उलंघन किया जा रहा है
आज एक जागरूक नागरिक द्वारा दी गयी खबर से पता चलता है की मवाना रोड पर स्थित गंगानगर की डिवाइडर रोड पर रिहायशी प्लॉटो पर बड़े बड़े शोरूम अवैध रूप से खड़े कर लिए गए है और प्राधिकरण के जिम्मेदार अधिकारी आंखे मूँद बैठे है ।मौखिक रूप से प्राप्त एक खबर के अनुसार डिविदर रोड पर चित्र में बना नज़र आ रहा ए बी एन स्कवेर कॉम्प्लेक्स को देखा जा सकता है ।
चर्चित मौखिक सूत्रो का कहना है की यह प्लॉट रिहयशी था लेकिन इसका लैंड यूज बदलवाए बिना इतना बड़ा कमर्शियल कॉम्प्लेक्स बना दिया गया और अब उसमे बड़े ब्रांड के शोरूम व बैंक खुल गए और खुलने वाले है चर्चा है की मिठास खुलने वाला है व आई डी एफ सी फर्स्ट बैंक खुल चुका है जानकारों का कहना है की बैंको के लिए प्राधिकरण की एन ओ सी आवश्यक है लेकिन रिहायशी प्लॉट पर कमर्शियल एन ओ सी नहीं मिल सकती है फिर भी बैंक खोला गया है । कुछ लोगों का कहना है कि फर्जी एन ओ सी लगाई गई है दूसरी तरफ घरेलू प्लॉट पर बने कमर्शियल कॉम्प्लेक्स को बिजली भी गलत तरीके से मिली हुई है या घरेलू उपयोग की बिजली का कमर्शियल उपयोग किया जा रहा है ।
जो भी हो मनमानी मुख्यमंत्री जी जनता के द्वारा दी गयी जानकारी को ध्यान मै रखते हुए निर्माण के बारे में पूर्ण जानकारी कराए क्योंकि इसमें स्टांप शुल्क की चोरी और अन्य कई प्रकार के राजस्व कमर्शियल गतिविधियों के चलते जो सरकार को मिलना चाहिए वो नहीं दिये गए बताए जा रहे है । अब सही क्या है गलत क्या है यह तो माननीय मुख्यमंत्री जी के यहाँ से कीसी निर्माण नीति के जानकार प्रशासनिक अधिकारी से जांच के उपरांत ही पता चल पाएगा ,जो की जल्द हो सकती है । चर्चा यह भी सुनी जा रही है की जो मानचित्र पास कराया गया है निर्माण उसके विपरीत और बेसमेंट की भी चर्चा है ।