Saturday, July 27

आबूलेन-सदर बाजार भी नगर निगम में होगा शामिल 

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मेरठ 02 मार्च (प्र)। कैंट बोर्ड ने सिविल एरिया के विलय का प्रस्ताव तैयार कर लिया है। प्रस्ताव के अनुसार आबूलेन बाजार, सदर बाजार भी नगर निगम में शामिल होगा। हालांकि लालकुर्ती पैठ शामिल नहीं होगी।
नगर निगम को दिए जाने वाले क्षेत्र के ब्योरे के अनुसार आबूलेन बाजार, सदर बाजार, लालकुर्ती बाजार, तोपखाना नगर निगम में शामिल होंगे। बीसी बाजार जिसे रजबन का शिवाजी बाजार कहते हैं, बीआई बाजार जिसे जवाहर नगर या लालकुर्ती कहा जाता इनको निगम में शामिल करने का स्ताव है आरए बाजार यानी सुभाष नगर या तोपखाना भी निगम में जाना प्रस्तावित है। महताब व जली कोठी के कैंट एरिया से रोडवेज व सोतीगंज और बेगमपुल के नाले तक का बाजार व सिविल एरिया निगम क्षेत्र में जाना प्रस्तावित है। भैंसाली ग्राउंड, शहीद स्मारक भी जाएगा जनप्रतिनिधियों की मानें तो भैसाली ग्राउंड और शहीद स्मारक भी निगम को ट्रांसफर होने जा रहा है। आयकर कार्यालय, सेंट्रल जीएसटी कार्यालय भी निगम में शामिल होगा।
प्रदेश व जिला स्तर पर दो समितियों का हुआ गठन नगर निगम में विलय पर रक्षा मंत्रालय के संयुक्त सचिव की अध्यक्षता में एक समिति प्रदेश स्तर पर बनाई है। इसके अलावा एक समिति जिला स्तर पर भी बनाई गई है, जिसमें डीएम या प्रतिनिधि, नगर आयुक्त, कैंट बोर्ड सीईओ शामिल रहेंगे।

50 हजार से अधिक आबादी को होगा लाभ
सीईओ ने बताया मेरठ कैंट क्षेत्र की आबादी 2011 की जनगणनानुसार 93 हजार 684 है। सिविल जनसंख्या 72 हजार 194 है। इसमें 21 हजार 490 सैन्य आबादी थी। 2011 की जनगणना के अनुसार 41 हजार 78 लोग सिविल एरिया में थे, जो निगम क्षेत्र में जाएंगे। वर्तमान में थोड़ी आबादी का विस्तार हुआ होगा। इस तरह 50 हजार से अधिक की आबादी को लाभ होगा।

छावनी क्षेत्र के सिविल एरिया को नगर निगम में शामिल किए जाने को लेकर शनिवार को जनता, व्यापारियों की राय ली जाएगी। कैंट विधायक अमित अग्रवाल ने गोष्ठी का आयोजन किया है। जनता से सुझाव मांगे जाएंगे। संभावना है गोष्ठी में सांसद और अन्य जनप्रतिनिधि भी शामिल होंगे वेस्ट एंड रोड स्थित ग्रांड औरा में शाम चार बजे यह गोष्ठी होगी।

180 कर्मचारी भी मिलेंगे नगर निगम को
कैंट बोर्ड के प्रस्ताव के अनुसार 281 कर्मचारी फिलहाल काम कर रहे हैं, जिसमें 180 कर्मचारियों को सिविल एरिया के हस्तांतरण के बाद निगम में ट्रांसफर किया जा सकेगा। 101 कर्मचारी कैंट बोर्ड के पास रहेंगे। वैसे कैट बोर्ड में कुल स्वीकृत पद 844 है।

कैंट बोर्ड ने प्रदेश सरकार को भेजा विलय का प्रस्ताव
कैंट के सिविल एरिया का नगर निगम में विलय होना लगभग तय है। रक्षा मंत्रालय के आदेश पर कैंट बोर्ड ने प्रस्ताव तैयार कर प्रदेश सरकार, रक्षा मंत्रालय को भेज दिया है।
कैंट बोर्ड बैठक ब्रिगेडियर राजीव कुमार की अध्यक्षता में हुई। सीईओ ज्योति कुमार ने पूरक प्रस्ताव से कैंट के सिविल एरिया को नगर निगम में शामिल करने का प्रस्ताव रखा। उन्होंने बताया इसे लेकर सात सदस्यीय समिति गठित की गई थी। समिति की 18 जनवरी, दो फरवरी, 23 फरवरी को बैठक हो चुकी है। प्रदेश सरकार के स्तर पर भी बैठक हो चुकी है। प्रस्ताव तैयार कर रक्षा मंत्रालय, प्रदेश सरकार को भेजा जा चुका है। उधर, मनोनीत सदस्य डा. सतीश चंद शर्मा ने कहा अन्य बंगला एरिया को शामिल किया जाना उचित रहेगा।

डॉ वाजपेयी ने रक्षा मंत्री को भेजा पत्र
डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने रक्षा मंत्री को पत्र लिखकर कहा है रक्षा मंत्रालय स्तर से जो प्रक्रिया अपनाई जा रही है उससे छावनी क्षेत्र की समस्याओं का निस्तारण नहीं हो पाएगा। छावनी क्षेत्र में बहुत सारे बंगला एरिया हैं, जिसकी खरीद की गई, लेकिन म्यूटेशन अब तक नहीं हुआ।

सोफिया, सेंट मेरीज कैंट में
कंट में सोफिया स्कूल, सेंट मेरीज स्कूल, वेस्ट एंड रोड का दीवान, जीटीबी, एमपीएस छावनी बोर्ड में ही रहेगा। बंगला एरिया से कोई छेड़छाड़ नहीं की जाएगी। 22बी और 210बी जैसे महत्वपूर्ण बंगला एरिया भी कैंट में ही रहेगा। समस्त बंगला एरिया बीआई लाइन, बीसी लाइन, रेस रोड, वेस्ट एंड रोड रोड आदि एरिया कैट में ही रहेंगे।

कैंट एक्ट खत्म नहीं होगा
कैंट बोर्ड और छावनी अधिनियम खत्म नहीं किया जाएगा। कैंट के बंगला एरिया में लागू रहेगा, संभव है कि आने वाले समय में इसे रक्षा संपदा विभाग से जोड़ दिया जाए। बंगला एरिया में म्यूटेशन व अन्य सुविधाओं के लिए कैंट बोर्ड एक्ट व कैंट बोर्ड जारी रहेगा, कैंट बोर्ड को वित्तीय अनुदान सेना द्वारा दिया जाता है।

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