Friday, November 21

दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे: मई से पहले पांचवां चरण शुरू होने की नहीं उम्मीद, धीमी गति से चल रहा काम

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मेरठ 20 नवंबर (प्र)। दिल्ली- मेरठ एक्सप्रेसवे के पांचवें चरण का काम लगभग डेढ़ साल पिछड़ चुका है। नए सिरे से तय किए लक्ष्य तक भी काम पूर्ण होने की उम्मीद नहीं है। 14 किमी के एक्सप्रेसवे यानी कनेक्टर को मार्च 2024 में पूर्ण करना था। अब नया लक्ष्य मार्च 2026 रखा है। तेजी से कार्य हुआ तो भी मई तक ही पूर्ण हो पाएगा। जिस धीमी गति से कार्य हो रहा है उससे जून-जुलाई तक समय लग सकता है। चार लेन का यह कनेक्टर हापुड़ हाईवे पर लोहियानगर डंपिंग ग्राउंड के नजदीक से दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे के चौथे चरण ( डासना परतापुर खंड) में जैदपुर में जुड़ेगा।

दोनों शुरुआती बिंदु के इंटरचेंज का ढांचा ही तैयार नहीं
लोहियानगर डंपिंग ग्राउंड यानी शकरपुर के पास इंटरचेंज बनना है। इसके लिए अभी ढांचा तैयार नहीं है। हापुड़ हाईवे के एक तरफ ही पिलर तैयार है, जब दूसरी तरफ पिलर तैयार होंगे तब गर्डर रखे जाएंगे। लगातार आवागमन के कारण गर्डर रखने में समय लगेगा। किसी भी रैंप के लिए अभी मिट्टी भराव नहीं हुआ है। एक तरफ जहां रैंप बनना है उस हिस्से पर दुकानें हैं, जिन्हें तोड़ा नहीं जा सका है। संबंधित लोगों का दावा है कि दुकान व मंडप का प्रकरण अभी मुआवजा को लेकर लंबित है। कार्य की स्थिति व मुआवजा विवाद से पता चलता है कि मई से पहले कार्य पूर्ण होने की उम्मीद नहीं है। जिला प्रशासन के अनुसार कोई प्रकरण लंबित नहीं है।

एनएचएआइ का कहना है कि सब समाधान कर लिया गया है मार्च से पहले इंटरचेंज पूर्ण हो जाएगा। दूसरा इंटरचेंज जैनुद्दीनपुर में बन रहा है, यह दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे के चौथे चरण से जोड़ेगा। इस इंटरचेंज के लिए अंडरपास तैयार है। पुल पर गर्डर रखे जा चुके हैं। हालांकि अभी अंडरपास व पुल को जोड़ने के लिए मिट्टी भराव व डामर कार्य बाकी है।
यहां रैंप का कार्य जारी है। इनमें से एक रैंप को लेकर मुआवजा का विवाद है, इसलिए उसके लिए मिट्टी भराव नहीं हो सका है। अगर मुआवजा विवाद का समाधान इसी महीने हो जाए तो और तेजी से काम हो तो यहां मार्च-अप्रैल तक कार्य पूर्ण हो सकता है।

चुडियाला में पुल पर अब रखे जा रहे गर्डर
मोहिउद्दीनपुर- खरखौदा रोड पर चुड़ियाला के पास पहले पुल बनाकर उतार-चढ़ाव देने की मांग को लेकर किसानों ने करीब एक साल तक धरना दिया था, जिससे उक्त स्थान पर निर्माण कार्य रुका रहा। मांग मान ली गई। पिलर बनने के बाद भी देरी होती रही। पड़ताल में सामने आया कि बुधवार को इसका पहला गर्डर रखा गया है। सभी गर्डर रखने में लगभग 15 दिन लगेंगे। इसके बाद दोनों तरफ आरई वाल बनाकर मिट्टी भराव होगा। तब डामर कार्य होगा। जनवरी तक यह काम होने की उम्मीद है।

चार स्थलों पर कब्जा न मिलने से हो रही देरी
कार्यदायी कंपनी एपीएस के प्रोजेक्ट मैनेजर कृष्ण मुरारी का कहना है कि 10 किमी से अधिक हिस्से पर सड़क निर्माण हो गया है। 10 बड़े अंडरपास, 12 छोटे अंडरपास और 35 पुलिया का निर्माण कर लिया है। इंटरचेंज प्रथम यानी जैनुद्दीनपुर की तरफ 80 प्रतिशत कार्य पूरा हो गया है। इंटरचेंज द्वितीय यानी हापुड़ हाईवे की तरफ कार्य धीमा है। कुछ दुकानदार और मंडप स्वामियों ने कब्जा नहीं दिया है। कुछ लोगों ने मुआवजा भी नहीं उठाया है। जैनुद्दीनपुर में रैंप बनाने के लिए किसान से मुआवजा संबंधित विवाद के कारण कब्जा नहीं मिला है।

दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे परियोजना निदेशक अरविंद कुमार का कहना है कि इसी वित्तीय वर्ष में कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा। जहां भी अवरोध है उसका समाधान कर लिया गया है। अब कार्य ने गति पकड़ ली है।

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