Saturday, July 27

22 दिन में 35 लाख शादियां और 4.25 लाख करोड़ के कारोबार की उम्मीद, 15 दिसंबर तक बजेगी शहनाई

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नई दिल्ली, 18 अक्टूबर। दिल्ली सहित देश भर के व्यापारी इस बार काफी खुश नजर आ रहे हैं। वजह महज 22 दिन में 35 लाख शादियां होने की संभावना है। इसके चलते 4.25 लाख करोड़ रुपये का कारोबार होगा। शादियों का सीजन, देव उठान एकादशी से लेकर 15 दिसंबर तक चलेगा। दिवाली के तुरंत बाद शुरु हो रहे, शादियों के इस सीजन में इस बार व्यापारी बड़े कारोबार की उम्मीद लगाए बैठे हैं।

कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल के अनुसार, कैट की रिसर्च शाखा कैट रिसर्च एंड ट्रेड डेवलपमेंट सोसाइटी द्वारा हाल ही देश के 20 प्रमुख शहरों के व्यापारियों एवं सर्विस प्रोवाइडर के बीच किए गए एक सर्वे में उक्त तथ्य सामने आए हैं। अकेले दिल्ली में ही इस सीजन में 3.5 लाख से अधिक शादियां होने की उम्मीद है। इससे दिल्ली में लगभग 1 लाख करोड़ रुपये का कारोबार होने की संभावना है। पिछले साल इसी अवधि के दौरान देश में करीब 32 लाख शादियां हुईं थी। उसका खर्च 3.75 लाख करोड़ रुपये आंका गया था।

कैट की आध्यात्मिक एवं वैदिक ज्ञान समिति के अध्यक्ष एवं प्रख्यात वैदिक विद्वान आचार्य दुर्गेश तारे ने बताया कि नक्षत्रों की गणना के अनुसार नवंबर में विवाह की तिथियां 23,24,27,28,29 हैं, जबकि दिसंबर माह में विवाह के लिए 3, 4, 7, 8, 9 और 15 तारीखें शुभ बताई गई हैं। उसके बाद, तारा एक महीने के लिए मध्य जनवरी तक डूब जाता है, फिर मध्य जनवरी से शुभ दिन शुरू हो जाएंगे।

भरतिया एवं खंडेलवाल ने बताया, इस शादी सीजन में करीब 6 लाख शादियों में प्रति शादी 3 लाख रुपये का अनुमानित खर्च आएगा। करीब 10 लाख शादियों में प्रति शादी करीब 6 लाख से 12 लाख रुपये का खर्च आएगा। शादियों में प्रति शादी लगभग 10 लाख रुपये खर्च होंगे। 6 लाख शादियों में प्रति शादी, 25 लाख रुपये खर्च होंगे। 50 हजार शादियों में प्रति शादी, 50 लाख रुपये खर्च होंगे। 50 हजार शादियां ऐसी होंगी, जिनमें 1 करोड़ या उससे अधिक के पैसे खर्च होंगे। कुल मिलाकर एक महीने में शादी के सीजन में बाजारों में शादी की खरीदारी से करीब 4.25 लाख करोड़ रुपये का प्रवाह होगा।

शादी के सीजन का अगला चरण जनवरी के मध्य से शुरू होगा और जुलाई तक जारी रहेगा। शादी के सीजन में कारोबार की अच्छी संभावनाओं को देखते हुए देशभर के व्यापारियों ने व्यापक तैयारियां की हैं। ग्राहकों की संभावित भीड़ के मद्देनजर, व्यापारी अपने यहां सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त रख रहे हैं।
प्रत्येक विवाह का लगभग 20 प्रतिशत खर्च दूल्हा-दुल्हन पक्ष को जाता है। करीब 80 प्रतिशत खर्च विवाह संपन्न कराने में काम करने वाली अन्य तीसरी एजेंसियों को जाता है। भरतिया और खंडेलवाल ने बताया, शादी के सीजन से पहले घरों की मरम्मत और घरों की रंगाई-पुताई का कारोबार बड़ी मात्रा में होता है।
इसके अलावा आभूषण, साड़ी, लहंगा-चूनी, फर्नीचर व रेडीमेड कपड़े आदि का कारोबार होता है। जूते, शादी के ग्रीटिंग कार्ड ,सूखे मेवे, मिठाइयां, फल, पूजा सामग्री, किराना, खाद्यान्न, सजावट का सामान, घर की सजावट का सामान, विद्युत उपयोगिता, इलेक्ट्रॉनिक्स और कई उपहार आइटम आदि की आमतौर पर मांग रहती है। इस साल इन सेक्टर के अलावा अन्य व्यापार में भी अच्छा कारोबार होने की उम्मीद है।

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