धार्मिक आयोजन किसी के भी हो हर्षाेउल्लास और पूरी धार्मिक आस्था के साथ पूरे हो ये अधिकार हमें संविधान और लोकतंत्र में भी प्राप्त है। लेकिन कुछ मदमस्त टाईप के लोगों द्वारा इसकी आड़ में डीजे संचालकों की मनमानी के चलते किसी भी नागरिक को कोई नुकसान जान माल या आर्थिक हो वो भी सही नहीं है। माननीय मुख्यमंत्री जी मगर बीते दिवस सरधना में एक अधिवक्ता के साथ काम करने वाले रवि जिसकी शादी अभी कुछ ही समय पहले हुई थी सरधना के मौहल्ला भाढवाड़ा निवासी अपनी 24 वर्षीय पत्नी के साथ गत गुरूवार को निकल रही गणेश विसर्जन यात्रा देखने गंग नहर पुल पर पहुंचा जहां उसकी पत्नी की डीजे की तेज आवाज से तबियत बिगड़नी शुरू हुई और बाद में हार्टअटैक से हो गई मौत। इससे पूर्व गणेश विसर्जन यात्रा के दौरान निकाली गई यात्राओं में बच्चा पार्क पर शामिल डीजे संचालक द्वारा तेज आवाज में बजाया गया जिसके खिलाफ ऐसा ही सुमित उपाध्याय द्वारा धारा 188/290/291 और 5/6 ध्वनि प्रदूषण के तहत कराई गई। बताते है कि इससे पूर्व शांति समिति की बैठकों में तेज आवाज पर डीजे बजाने के विरूद्ध होने वाली कार्रवाई से भी संबंधितों को अवगत कराया गया था लेकिन वो नहीं माने।
बताते चले कि तेज आवाज डीजे और उसमें से निकलने वाली विशेष आवाज घरों की खिड़कियों के कांच टूटने और कभी कभी दीवारों को हिला देने के अतिरिक्त हार्टअटैक आदि के साथ ही कानों के परदे खराब करने का कारण बनती है। और जिन क्षेत्रों से होकर ये डीजे तेज आवाज में बजकर निकलते है वहां के नागरिकों का कुछ समय के लिए जीना मुश्किल हो जाता है।
पूर्व में मौखिक जानकारी अनुसार माननीय न्यायालय और सरकार ने भी तेज आवाज में डीजे बजाने पर रोक लगाने के अतिरिक्त रात 11 बजे के बाद इसे प्रतिबंधित किया गया है। मगर थानेदारों द्वारा निर्धारित नियमों के तहत डीजे संचालकों के विरूद्ध कार्रवाई पूर्ण रूप से न किये जाने के चलते जितना दिखाई देता है इनकी हठधर्मी बढ़ती ही जा रही है।
अब अक्टूबर नवंबर माह में पड़ने वाले त्यौहारों रामलीला गोबरधन आदि खूब सवारियां और बराते निकलेगी और ये अच्छा भी है क्योंकि इससे हमें अपने धर्म के बारे में जागरूकता और जानकारियां प्राप्त होती है। मै खुद भी अपने बच्चों के साथ इसमें शामिल होता हूं। इन सवारियों और भगवान की बरातों आदि का आम आदमी पूर्ण रूप से आनंद ले सके और कुछ समय के लिय भक्ति रस में डूब जाए इसके लिए तेज आवाज में बजने वाले डीजे पूर्ण रूप से प्रतिबंधित हो। कुछ लोगों की इस बात से मैं भी असहमत नहीं हूं कि जिन डीजे संचालकों के खिलाफ एफआईआर हुई है और एक महिला की मौत उन सवारियों में बजने वाले डीजे संचालकों को तुरंत गिरफ्तार कर जेल भेजा जाए।
माननीय मुख्यमंत्री जी धार्मिक माहौल हमें कई प्रकार की प्रेरणा और जीवन में उत्साह का संचार करती है। लेकिन इन डीजे संचालकों के कारण सब कुछ बेकार बेकार सा हो जाता है इसलिए आपसे अनुरोध है कि समस्त जिलाधिकारियों को निर्देश दे कि धार्मिक आयोजन सवारियों और बरातों में कोई भी तेज आवाज डीजे और इससे विशेष प्रकार की धमक वाली आवाज न निकाल पाए इसलिए डीजे संचालकों को प्रतिबंधित करते हुए सभी थाना प्रभारियों को निर्देश दिये जाए कि इन आयोजनों से संबंध सम्मानित लोगों के साथ बैठकें कर तेज आवाज से होने वाले नुकसान से अवगत कराते हुए स्पष्ट कर दे कि अगर इस संदर्भ में निर्धारित नियमों का उल्लंघन हुआ तो सख्त कार्रवाई सबके खिलाफ हो सकती है तो मुझे लगता है कि इस समस्या का समाधान और आम आदमी को राहत मिल सकती है। बस जरूरत पड़ने पर अगर कोई नहीं मानता तो एक दो के खिलाफ कार्रवाई करते हुए जिम्मेदारों को पीछे नहीं हटना चाहिए।
तेज आवाज डीजे ने ली महिला की जान, कई के विरूद्ध दर्ज हुई एफआइआर, दोषियों की हो गिरफ्तारी
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