मेरठ 15 दिसंबर (प्र)। शहर और हाइवे पर ओवरलोड, ओवरहाइट, बजरी, ग्रिट से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉलियां गाड़ियां बेखौफ दौड़ रही है और यातायात नियमों की खुली अवहेलना कर रही हैं। यही कारण है कि अक्सर ओवरलोड और ओवरहाइट वाहन हादसों का सबब बन रहे हैं। यातायात पुलिस नियम विरुद्ध वाहनों के खिलाफ खानापूर्ति के लिए कार्रवाई कर इतिश्री कर लेती है।
पुलिस संरक्षण में सड़कों पर दौड़ रहे ओवर बॉडी ट्रक व टैक्टर सरीखे वाहन हादसों को न्योता दे रहे हैं। एनएच-58 के दौराला क्षेत्र में हाइवे पर एक दिन पहले ऐसे ही एक ओवर बॉडी वाहन की चपेट में आकर एक शख्स की मौत हो गयी। इस वाहन पर गन्ने की खोई लादी गई थीं। शाम ढलते ही पूरे महानगर में ऐसे ओवर बॉडी वाहन बगैर रोकटोर भागते दौड़ते देखे जा सकते हैं।
ओवर बॉडी वाहनों जिन पर भूसा, गन्ने की खोई, गन्ना आदि लदा होता है, जहां से भी गुजरते हैं वहां जाम लग जाता है। रोड पर जो ओवर बॉडी वाहन दिखाई देता है उसके दाएं व बाएं से कोई दूसरा वाहन नहीं निकल पाता। हाइवे की यदि बात की जाए तो हाइवे पर ऐसे वाहन अक्सर रोड के बीच में चलते हैं। जिसकी वजह से किसी भी साइड से दूसरे वाहन नहीं निकल पाते हैं और जाम सरीखे हालात बन जाते हैं।
एनएच-58 पर तो ऐसे ओवर बॉडी वाहनों की वजह से लेट नाइट अक्सर जाम लग जाता है। सर्दी के मौसम में ओवर बॉडी वाहन ज्यादा खतरनाक हो जाते हैं। कोहरे में कई बार तो ओवर बॉडी वाहन पीछे आने वाली गाड़ियों के चालकों को नजर नहीं आते और गाड़ियां हादसों का शिकार हो जाती हैं। जैसे-जैसे कोहरा पड़ना शुरू होगा, ओवर बॉडी वाहन रोड पर ज्यादा जानलेवा साबित होने लगते हैं।
ऐसा नहीं है कि किसी खास रोड से ये गुजरते हों, जितने भी हाइवे हैं उन सभी से ऐसे ओवर बॉडी वाहन गुजरते हुए देखे जा सकते हैं। कई बार रोड पर जब ये गुजर रहे होते हैं तो अचानक जिन वाहनों पर भूसा लदा होता है, उनकी रस्सी खुल जाती है ओर जो भी वाहन उस दौरान समीप से गुजर रहा होता है, उसकी चपेट में आकर हादसे का शिकार हो जाता है। जिस भी रोड से ओवर बॉडी वाहन गुजरते हैं वहां मेन रोड व चौराहों पर भी पुलिस रात में मुस्तैद रहती है। अनेक चौराहें पर फैंटम वाहन और 112 पुलिस कंट्रोल रूम की गाड़ियां खड़ी रहती हैं, लेकिन इसके बाद भी ओबर बॉडी वाहन मुट्ठी गर्म करते हुए आसानी से गुजरते चले जाते हैं।