Tuesday, May 13

हरित प्रदेश निर्माण समिति को सबका समर्थन मिलने से आंदोलन हो सकता है अब तेज, मनीष प्रताप अध्यक्ष चौ0 यशपाल सिंह उपाध्यक्ष और बदर महमूद महामंत्री बने

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मेरठ 22 अप्रैल (प्र)। उप्र का बंटवारा कर हरित प्रदेश के नाम से अलग प्रदेश बनाने की मांग पिछले कई दशक से निरंतर चली आ रही है। पहले मोदीनगर से विधायक सोहनवीर सिंह तोमर तथा प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री डा0 मैराजुद्दीन अहमद एवं ईंट भट्टा व्यवसाय से जुड़े अनेकों संस्थानों के अध्यक्ष व महामंत्री सुरेन्द्र प्रताप जो अब इस दुनिया में नहीं है इस आंदोलन को चलाते रहे। अब इसकी बागडोर वरिष्ठ राजनेता चौ0 यशपाल सिंह आदि के प्रयासों से शहर के बड़े व्यापारी अनेक शिक्षा संस्थानों व चैंबर आदि से जुड़े मनीष प्रताप भट्टेवालों को अध्यक्ष के रूप में सौंपी गई है। और उन्हें सहयोग देने के लिए चौ0 यशपाल सिंह वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनिल जंगाला एडवोकेट जगत सिंह तथा पूर्व मंडलीय सांख्यिकी अधिकारी रहे एसपी नेने शिक्षा विद् डा0 कर्मेन्द्र सिंह को उपाध्यक्ष के अलावा बदर महमूद प्रतीक जैन राजा अग्रवाल सुधीर पराशर राकेश रस्तोगी को महासचिव बनाया गया।
बताते चले कि वर्तमान में इस आंदोलन में पुनः जान पड़ रही है क्योंकि सत्ताधारी दल के राकेश रस्तोगी रालोद के प्रतीक जैन कांग्रेस के चौ0 यशपाल सिंह सहित तमाम राजनीतिक दलों का भी इनके साथ प्रतिनिधित्व जुड़ने लगा है। बीते दिनों इस संदर्भ में बागपत रोड़ स्थित मनीष प्रताप के कार्यालय पर हरित प्रदेश निर्माण समिति की कार्यकारिणी की हुई बैठक में हाईकोर्ट बैंच सहित कई मुद्दे उठे और तय किया गया कि आगामी बैठक में बागपत से सांसद डा0 राजकुमार सांगवान को भी आमंत्रित किया जाएगा। इस बैठक में संगठन के मीडिया प्रभारी पूर्व उपनिदेशक सूचना सुरेन्द्र शर्मा डा0 मैराजुद्दीन के पुत्र बदर महमूद जो महासचिव भी चुने गये के अलावा भाजपा नेता अंकित चौधरी शक्तिराज सिंह एडवोकेट सिराजुद्दीन अलवी एडवोकेट उर्वशी चौधरी एडवोकेट कुंवर नूर मोहम्मद पूर्व अधिकारी कोमल सिंह सरबजीत धूमन सागर मलिक आदि भी मौजूद रहे। कुल मिलाकर हरित प्रदेश की इच्छा रखने वाले नागरिकों का मानना है कि अगर डा0 राजकुमार सांगवान और केन्द्र सरकार के मंत्री जयंत चौधरी आदि इस आंदोलन में थोड़ी सी दिलचस्पी ले तो यह एक बड़ा आंदोलन बन सकता है। जिसके सफल होने की उम्मीद से भी इनकार नहीं कर सकते। इस मौके पर नवनिर्वाचित अध्यक्ष मनीष प्रताप ने कहा कि पूर्व मंत्री डा0 मैराजुद्दीन जी का जाना संगठन के लिए एक बड़ी क्षति है। और मैं नई जिम्मेदारियों को सबके साथ मिलकर पूर्ण निष्ठा से निभाने का प्रयास करूंगा।

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