लखनऊ 10 नवंबर। सुरक्षा-व्यवस्था को और सुदृढ़ बनाने के लिए एकीकृत आपातकालीन सेवा यूपी 112 में संसाधनों की बढ़ोतरी की जा रही है। यूपी 112 हेल्पलाइन (UP 112) को अपग्रेड करने के बाद 1.30 लाख कॉल रिसीव की जा सकेंगे। वहीं, कॉल ड्रॉपिंग में कमी ) आएगी। इसके लिए कॉल टेकर्स की संख्या 673 से बढ़ाकर 825 की जा रही है। यूपी 112 के दूसरे चरण में 1478 पीआरवी (पुलिस रिस्पांस व्हीकल) बढ़ाए जाएंगे। वर्तमान में 4800 पीआरवी संचालित हैं। पहले चरण में जहां 50.68 वर्ग किलोमीटर में एक पीआरवी उपलब्ध है, जबकि दूसरे चरण में 38.75 वर्ग किलोमीटर में एक पीआरवी उपलब्ध होगी।
यूपी 112 के अधिकारियों के अनुसार, सभी पीआरपी में व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम का प्रयोग होगा, जिससे आपात स्थिति में सहायता मांगने वाले व्यक्ति के पास जीपीएस लिंक का रियल टाइम मैसेज जाएगा, जिससे कॉल करने वाला व्यक्ति अपने मोबाइल पर पीआरवी की लोकेशन देख सकेगा और यह जान सकेगा कि पुलिस उस तक कितनी देर में पहुंच रही है। इसके साथ ही काल ड्राप की दिक्कत को दूर करने के प्रयास भी किए जा रहे हैं।
दूसरे चरण में पीआरआई तकनीक को एसआईपी व सीएडी प्रणाली में उच्चीकृत कर कॉल रिसीव किए जाने की क्षमता को बढ़ाया जाएगा, जिससे प्रतिदिन 1.25 लाख से 1.30 लाख तक कॉल रिसीव हो सकेंगी। वर्तमान में 50 से 60 हजार कॉल रिसीव होती हैं।
यूपी 112 के अधिकारियों के अनुसार, इस परियोजना के पहले चरण का संचालन 19 नवंबर, 2016 से दो नवंबर, 2023 तक महिंद्रा डिफेंस सिस्टम लिमिटेड ने किया था। दूसरे चरण में भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड व वी-विन लिमिटेड ने काम शुरू किया है। वर्तमान में पीआरवी का औसत रिस्पांस टाइम 9 मिनट 18 सेकंड है, जिसे और कम किए जाने की दिशा में कदम बढ़ाए जा रहे हैं।
यूपी 112 से जल्द सीएम हेल्पलाइन, 1076, एनएचएआई हेल्पलाइन 103, सेफ सिटी, स्मार्ट सिटी व अन्य हेल्पलाइन नंबर भी एकीकृत किए जाएंगे। पहले चरण में 673 संवाद अधिकारी कार्यरत हैं, जिनकी संख्या बढ़ाकर 825 की जाएगी। इसके साथ ही संवेदनशील क्षेत्रों के लिए 688 पीआरवी में व्हीकल मूवमेंट कैमरे लगवाए जाने के साथ ही सभी पीआरवी को बॉडी वार्न कैमरे उपलब्ध कराए जाएंगे।