मेरठ 01 जुलाई (प्र)। कांवड़ यात्रा को लेकर पुलिस-प्रशासन ने कमर कस ली है। मेरठ रेंज के चार जिलों में जोन-सेक्टर व्यवस्था लागू करते हुए 57 जोन और 155 सेक्टर बना दिए हैं। करीब 15 हजार पुलिसकर्मियों को ड्यूटी पर लगाया जाएगा। इन चार जिलों में करीब 30 लाख श्रद्धालुओं के जलाभिषेक करने का अनुमान पुलिस-प्रशासन के पास है, जिसे लेकर अभी से तमाम प्लानिंग की जा रही है।
डीआईजी कलानिधि नैथानी ने बताया कि कांवड़ को लेकर रेंज के चार जिलों में पुलिस को मुस्तैद किया गया है। मेरठ, बुलंदशहर, बागपत और हापुड़ में 540 किलोमीटर के करीब कांवड़ मार्ग चिह्नित किया गया है, जिन पर 10 टोल मौजूद हैं और 119 जगहों पर पुलिस बैरियर लगाए जा रहे हैं।
रेंज में 57 जोन और 155 सेक्टर बनाए गए हैं। हाईवे और कांवड़ मार्गों पर कई जगहों पर पुलिस की अस्थाई चेकपोस्ट बनेगी और इन्हीं जगह पर कांवड़ियों की मदद के लिए हर तरह की व्यवस्था रहेगी। कोई घटना होने या कांवड़ खंडित होने पर तुरंत ही पुलिस की बाइक पर मदद पहुंचाई जाएगी। हर पुलिस चौकी और चेकपोस्ट पर हरिद्वार से पहले से लाया गया गंगाजल भी रखा जाएगा, जिसकी पूजा और साफ सफाई की व्यवस्था कराई जाएगी। किसी कांवड़ियां की कांवड़ यदि खंडित होती है तो यहीं से गंगाजल दिया जाएगा। कांवड़ मार्ग के अलावा तमाम महत्वपूर्ण मंदिरों में एटीएस और एसटीएफ का पहरा रहेगा। सभी जिलों में बड़े कंट्रोल रूम बनाए जाएंगे, जिनकी लाइव फीड अधिकारियों के मोबाइल पर भी रहेगी।
भीड़ प्रबंधन के लिए पुख्ता तैयारी: डीआईजी ने बताया कि कई धार्मिक आयोजन के दौरान पूर्व में हुई घटना का संज्ञान लिया गया है। कांवड़ यात्रा के दौरान मंदिरों और कांवड़ मार्गों पर भीड़ बढ़ना और इसके बाद भगदड़ की स्थिति को रोकने के लिए कंटीजेंसी प्लान बनाया गया है। कई जगहों पर भीड़ रोकने के लिए बल्लियां लगाई जाएंगी और बाकी जगहों पर भीड़ को घुमाकर मंदिर परिसर तक एंट्री दी जाएगी।
फोर्स की तैनाती
एएसपी 19 सीओ 54 इंस्पेक्टर 265 दरोगा 1823 हेड कांस्टेबल 2574 कांस्टेबल 2860 महिला पुलिस 1166 ट्रैफिक इंस्पेक्टर 12 टीएसआई 117 ट्रैफिक कांस्टेबल 394पीएसी 20 कंपनी सीएपीएफ 05 कंपनी
(सभी पुलिसकर्मियों के रुकने के लिए ड्यूटी स्थलों के आसपास ही 184 स्थानों पर व्यवस्था कराई है।)
838 शिविर लगेंगे, 184 संवेदनशील जगह चिह्नित
डीआईजी ने बताया कि कांवड़ यात्रा के दौरान मेरठ में 464, बुलंदशहर में 176, हापुड़ में 109 और बागपत में 90 कांवड़ शिविर लगाए जाने हैं। इनकी संख्या कुल मिलाकर 838 है। इस सभी शिविर में पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों की टीम निरीक्षण कर हर तरह की व्यवस्था की जांच करेगी। दूसरी ओर, इन चारों जिलों में 184 मिश्रित आबादी और संवेदनशील प्वाइंट को चिह्नित किया गया है। मेरठ में 64, बुलंदशहर में 59, हापुड़ में 52 और बागपत में नौ हैं। ऐसे में सभी चिन्हित स्थानों पर पहले से ही फोर्स बढ़ाकर रखी जाएगी। सीसीटीवी से निगरानी की जाएगी।