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जिले के 65 प्राइमरी स्कूलों में 20 से भी कम बच्चे, सरकार की कोशिश के बावजूद नहीं बढ़ रही छात्रों की संख्या

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मेरठ / हस्तिनापुर 04 जुलाई (प्र)। ये जानकारी आपको हैरत में डाल सकती है, लेकिन यह सच है कि व्यवस्था में झोल के चलते कई सरकारी स्कूलों में बच्चों से अधिक शिक्षक हैं। जिले में 65 प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों की स्थिति बेहद चिंताजनक है।
इनमें ऐसे भी स्कूल हैं जिनमें एक, दो या तीन ही बच्चे पढ़ते हैं। मवाना के बुनियादपुर प्राइमरी पाठशाला में पिछले सत्र में यहां एक ही बच्चा पंजीकृत था, जबकि यहां दो शिक्षक और एक शिक्षामित्र है। हालांकि इस सत्र से पांच और दाखिले होने का दावा किया जा रहा है।

सरकार की मंशा है कि बेसिक शिक्षा विभाग के सभी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूल कॉन्वेंट स्कूलों की तर्ज पर संचालित हों। इसके लिए सरकार ने भव्य बिल्डिंग बनवाई हैं, वहीं महंगे और अंग्रेजी माध्यम से पढ़े शिक्षकों को तैनाती दी हुई है। कम छात्र संख्या मिलने पर शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की भी चेतावनी है। छात्र संख्या बढ़ाने के लिए स्कूल चलो अभियान और अन्य योजनाएं चलाई हुई हैं।
ऐसी स्थिति में अगर सरकारी स्कूलों में एक, तीन ही बच्चे हैं तो व्यवस्था पर सवाल खड़े होते हैं।

रोहटा ब्लॉक के भोला में प्राइमरी पाठशाला में तीन, सरधना के जूनियर हाई स्कूल अहमदाबाद में 9 बच्चे, प्राइमरी पाठशाला बहादुरपुर में 9 बच्चे, मेरठ महानगर के मोरीपाड़ा में 9 बच्चे, प्राइमरी पाठशाला कोठी अतानस में 8 बच्चे, प्राइमरी पाठशाला समितगंज जयदेवीनगर में 6 बच्चे, सरायलालदास स्कूल में 6 बच्चे हैं। इन समेत लगभग एक दर्जन से अधिक स्कूल ऐसे हैं जिनमें दस से भी कम छात्र संख्या है।

जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी आशा चौधरी ने कहा कि जिले में ब्लॉक परिषदीय स्कूलों की छात्र संख्या ली गई है। जहां बच्चे कम हैं वहां के खंड शिक्षा अधिकारियों को नोटिस दिए गए हैं। शिक्षकों को भी मानक के अनुरूप छात्र संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। जो शिक्षक नामांकन संख्या बढ़ाने में कामयाव नहीं होंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। 30 बच्चों पर एक शिक्षक की तैनाती की जा सकती है।

20 से कम बच्चों वाले स्कूल
मेरठ नगर 20
हस्तिनापुर 9
मवाना 9
सरधना 6
दौराला 2
जानी 6
खरखोदा 3
माछरा 1
परीक्षितगढ़ 3
रजपुरा 1
रोहटा 2
सरूरपुर 3

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