मेरठ 22 जुलाई (प्र)। रामायण के राम मेरठ हापुड़ लोकसभा क्षेत्र से सांसद श्री अरूण गोविल साहब के आश्वासन की चुनाव बाद क्षेत्र में ही रहूंगा को याद कर अब नागरिकों के साथ साथ अपना नाम न छापने की शर्त पर कुछ भाजपा विचारधारा के लोग भी एक दूसरे से पूछ रहे है सांसद जी कहां है। क्योंकि पिछले दिनों जब वो आये तो भाजपाईयों ने ही आरोप लगाया कि समस्याऐं जानने अथवा आम आदमी से मिलने की बजाए सांसद जी की उपस्थिति में फोटो सेशन ही होता रहा। इसमें कोई बुराई तो नहीं थी क्योंकि अपने नेता के साथ सहयोगी फोटो खिंचवाना तो चाहते ही है।
मगर पिछले कुछ दिनों में कई ऐसे मामले चर्चाओं में आये जिनमें सांसद जी के विचार क्या है वो जनता के सामने आने चाहिए थे जैसे भगवान जगन्नाथ जी की शोभा यात्रा प्रकरण में पूर्व सांसद श्री राजेन्द्र अग्रवाल भाजपा के राज्यसभा सदस्य और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी सहित मेयर हरिकांत आहलुवालिया महानगर भाजपा अध्यक्ष रितुराज जैन कैन्ट विधायक अमित अग्रवाल एमएलसी धर्मेन्द्र भारद्वाज पूर्व एमएलसी डा0 सरोजनी अग्रवाल सहित तमाम स्थानीय नेता सक्रिय रहे। लेकिन सांसद जी के विचार या कोई बयान इस दौरान पढ़ने व सुनने को नहीं मिला।
वर्तमान में छावनी क्षेत्र का कुछ इलाका नगर निगम में जाना है अधिकारियों ने इस संदर्भ में मिल बैठकर रूपरेखा भी तैयार की। लेकिन कैन्ट के नागरिकों का मानना था कि कुछ क्षेत्र और स्थानांतरित होने चाहिए। इस प्रकरण में कैन्ट विधायक श्री अमित अग्रवाल तो छावनी अधिशासी अधिकारी जिलाधिकारी से लेकर माननीय मुख्यमंत्री तक से मिलकर उनके समक्ष नागरिकों की मांग रख चुके है। तथा पूर्व सांसद राजेन्द्र और राज्यसभा सदस्य डा0 लक्ष्मीकांत वाजपेयी जी भी इस मांग का समर्थन कर रहे है। लेकिन कैन्ट क्षेत्र से जीत हासिल करने में मिली बड़ी सफलता के बावजूद सांसद जी का इस मामले में अभी तक कोई बयान पढ़ने को नहीं मिला कि वो इस प्रकरण में क्या कार्रवाई कर रहे है जबकि मामला केन्द्र सरकार का है उन्हें ही सबसे ज्यादा सक्रिय रहकर इस संदर्भ में अपनी भूमिका निभानी चाहिए।
वर्तमान में कांवड़ यात्रा की तैयारियां जोरशोर से चल रही है सबसे ज्यादा इस मामले में प्रभावित होने वाला क्षेत्र भी सांसद श्री अरूण गोविल जी के कार्य क्षेत्र में ही आता है। नागरिक और अधिकारी क्या तैयारी कर रहे है नागरिक क्या चाहते है और समस्या का समाधान कैसे होना चाहिए इस संदर्भ में भी अरूण गोविल जी का कोई सुझाव या बयान पढ़ने व सुनने को नहीं मिला। उक्त बिन्दुओं को लेकर कई नागरिक यह कहते सुने जाते है कि हमारे सांसद जी कहां है। और उन्होंने कहां निवास बनाया है जहां जाकर मिला जा सके। क्योंकि वो जब भी आते है तो अफसरों की मीटिंग व नेताओं से चर्चा तो करते है लेकिन क्षेत्र की जनता से उनका कोई साक्षात्कार व सीधे संवाद नहीं हो पा रहा है। जो ना तो माननीय प्रधानमंत्री जी की भावनाओं के अनुकूल है और ना ही भाजपा की कार्यनीति के अनुसार। पार्टी कार्यकर्ता और नेताओं में नाराजगी है वो बात और है कि वो अनुशासन के चलते इस संदर्भ में अपनी बात शायद नहीं कह पा रहे है।