मेरठ 06 अगस्त (प्र)। प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों ने आरटीओ आफिस में छापेमारी कर चार दलालों को पकड़ा। इस दौरान आरटीओ आफिस में हड़कंप मच गई। दलाल दुकानें बंद कर भाग गए। पकड़े गए दलालों को नौचंदी थाना पुलिस के हवाले कर दिया गया। एआरटीओ युविता सिंह ने नौचंदी थाने में चारों दलालों के खिलाफ तहरीर दी। जिस पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया।
एडीएम ब्रिजेश कुमार सिंह ने बताया कि डीएम दीपक मीणा के पास लंबे समय से आरटीओ आफिस में दलालों का कब्जा होने की शिकायत पहुंच रही थी। इसमें बताया जा रहा था कि आरटीओ आफिस में बिना दलाल के जायज काम कराना भी मुश्किल हो रहा है।
सोमवार शाम उन्होंने डीएम के आदेश पर एसडीएम सदर कमल किशोर देशभूषण कंडारकर और एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह के साथ मिलकर आरटीओ आफिस में छापेमारी की। इस दौरान अधिकारियों ने आरटीओ आफिस परिसर में घूम रहे 11 लोगों को पकड़कर पूछताछ की और उनकी आइडी चेक की। इसमें सात लोग ऐसे पाए गए जो अपने भाई व अन्य स्वजन के काम से आरटीओ आफिस आए थे। बाकी चार वासिक, शिव पंडित, मोहम्मद शरीफ और राजेश शर्मा अन्य लोगों का काम कराते हुए पकड़े गए।
आरटीओ आफिस में पूरी तरह से दलालों के कब्जे में है। आम आदमी अपना काम कराने के लिए दिनभर आरटीओ आफिस में इधर से उधर घूमता रहता है, जबकि दलाल उसी काम को चंद मिनटों में कराकर आमजन के हाथ में कागजात सौंप देते हैं। सोमवार शाम शाम करीब चार बजे जैसे ही एडीएम सिटी, एसडीएम सदर और एसपी सिटी की गाड़ी आरटीओ आफिस के परिसर में दाखिल हुई तो वहां हड़कंप मच गया।
एडीएम सिटी का कहना है कि आरटीओ कार्यालय के अधिकारियों ने परिसर में सीसीटीवी लगाने का दावा किया था, ताकि परिसर में घूम रहे दलालों को फुटेज के माध्यम से चिह्नित किया जा सके। लेकिन आरटीओ अधिकारियों ने अभी तक एक भी सीसीटीवी नहीं लगाया है। एडीएम सिटी ने बताया कि उन्होंने डीएम को पूरी रिपोर्ट सौंप दी है।