मेरठ 03 सितंबर (प्र)।शहर के बीचोंबीच पॉश कॉलोनी शास्त्री नगर से सोमवार दोपहर स्कूल से लौटी जल निगम के जेई की सात साल की बेटी को सफेद रंग की सेंट्रो कार सवार दो बदमाशों ने सरेआम घर के बाहर से अगवा कर लिया। फिरौती के फोन घनघनाएं तो पुलिस की टीमें अपहरणकर्ताओं की तलाश में इधर-उधर दौड़ पड़ी। करीब डेढ़ घंटे बाद अपहरणकर्ता अगवा बालिका को घर से सौ कदम दूर फैजल मस्जिद के पास छोड़कर फरार हो गए। चर्चाएं तो तीन करोड़ रुपये की फिरौती मांगने की है लेकिन पुलिस ने इससे इंकार करते हुए दावा किया कि पुलिस घेराबंदी पर बदमाश बालिका को छोड़ गए। अपहरण की यह पूरी वारदात कई सीसीटीवी कैमरों में कैद हो गई है। अधिकारियों ने घटनास्थल पर जांच करने के बाद खुलासे के लिए क्राइम ब्रांच, एसओजी और नौचंदी थाना पुलिस की कई टीमें गठित की है।
नौचंदी थाना क्षेत्र के शास्त्री नगर इलाके में जल निगम के जेई महबूल हक किराए के फ्लैट में परिवार के साथ रहते है। महबूल की इकलौती सात साल की बेटी माईशा शहर के सेंट थॉमस स्कूल में कक्षा दो की छात्रा है। बेटी के थ्री व्हीलर से स्कूल जाने के बाद जेई महबूल हक भी मोटरसाइकिल पर सवार होकर अपनी ड्यूटी पर चले गए। सवा दो बजे के करीब थ्री व्हीलर चालक यादराम माईशा को स्कूल से लेकर घर पर पहुंचा। उस समय मुंह पर पकड़ा बांधे एक युवक जेई आवास के प्रवेश गेट पर खड़ा था। चालक की लापरवाही के कारण संदिग्ध युवक पहले माईशा को थ्री व्हीलर से उतारकर घर के अंदर ले गया।
इसके बाद युवक ने पापा से मिलाने की बात कही तो माईशा भागकर बाहर आ गई और युवक के साथ बाहर खड़ी सफेद रंग की सैंट्रो कार में सवार हो गई। इसके बाद कार सवार बदमाश माईशा को अगवा कर ले गए।
अपहरणकर्ताओं ने भोलाझाल से लौट रहे अवर अभियंता महबूल हक को फोन कर बेटी के अपहरण की जानकारी दी। जिससे पूरे परिवार में हड़कंप मच गया। काफी देर तक अपहरणकर्ताओं और माईशा के पिता के बीच फोन पर बात होती रही। करीब डेढ़ घंटे बाद नाटकीय अंदाज में अपहरणकर्ता अगवा माईशा को घर के पास फैजल मस्जिद पर छोड़कर फरार हो गए। वहां से बेटी खुद ही अपने घर आई, तो परिवार की जान में जान आई। इस बारे में जेई महबूल हक की मानें तो उन्होंने सबसे पहले अधीक्षण अभियंता को फोन पर यह जानकारी दी थी।
अधीक्षण अभियंता ने जिलाधिकारी दीपक मीणा और उसके बाद एसएसपी विपिन ताड़ा को पूरे मामले की जानकारी दी। पुलिस की एक टीम ने घटनास्थल पर लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज भी कब्जे में ले ली। फुटेज में सैंट्रो कार के अलावा संदिग्ध युवक के माईशा को कार में बैठाने की पूरी घटना साफ नजर आ रही है। सात साल की बालिका माईशा को अगवा करने वाले अपहरणकर्ताओं और जेई महबूल हक के बीच मोबाइल फोन पर पांच बार बात हुई। पहली कॉल पर जेई को बेटी के अपहरण की जानकारी दी गई। पहले तो जेई हक को अपहरणकर्ताओं की बात पर विश्वास नहीं हुआ। हक ने बीवी को फोन कर बेटी के बारे में जानकारी ली तो वो फोन पर ही फूट-फूटकर रोने लगी। कुछ देर बाद दूसरी बार अपहरणकर्ताओं ने फोन किया तो जेई बेटी की सलामती के लिए गिड़गिड़ाने लगे। इस पर अपहरणकर्ताओं ने रकम मांगी। आनाकानी करने पर अपहर्ताओं ने फोन काट दिया। अचानक बेटी को सकुशल अपने सामने पाकर अम्मी और अब्बू का खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा। दोनों बारी-बारी माईशा को गले लगाकर चूमते रहे।
करीब डेढ़ घंटे तक अपहरणकर्ताओं के बीच रही माईशा शुरूआती दौर में तो बदहवाश अवस्था में नजर आई, लेकिन परिवार के बीच वापिस आकर वो नॉर्मल हुई। माईशा के मुताबिक मुंह पर कपड़ा बांधने वाला युवक पापा से मिलाने की बात कहकर उसे अपनी कार में ले गया। कार के अंदर दो युवकों ने चाकू दिखाकर उसे आतंकित किया। बालिका के अपहरण के मामले में पुलिस जेई परिवार से जुड़े लोगों की भूमिका की भी जांच कर रही है।