मेरठ, 13 नवंबर (प्र)। गाजियाबाद कोर्ट में हुए हंगामा की वजह से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अधिवक्ता हड़ताल पर हैं। उन्हें इंडस्ट्रियल लॉ रिप्रेजेंटेटिव एसोसिएशन के अधिवक्ताओं ने भी समर्थन दे दिया है। और कहा है कि वकीलों की मान- मर्यादा की हिफाजत के लिए सरकार को तुरंत कानून बनना चाहिए और गाजियाबाद के जिला जज का अभिलंब तबादला किया जाना चाहिए। यदि मांग नहीं मानी गईं तो आंदोलन बड़ा रूप लेगा।
इंडस्ट्रियल लॉ रिप्रेजेंटेटिव एसोसिएशन के अध्यक्ष एडवोकेट मुनेश त्यागी का कहना है कि बीते शुक्रवार को जागृति विहार स्थित श्रम न्यायालय परिसर में बैठक का आयोजन किया गया था। जिसमें जिला जज न्यायालय गाजियाबाद में अधिवक्तों पर हुए लाठी चार्ज की घटना की घर निंदा की गई थी। इसके बाद एसोसिएशन के अधिवक्ताओं ने जिला और मेरठ बार एसोसिएशन का समर्थन करने का निर्णय लिया था। उन्होंने राज्यपाल और प्रदेश के मुख्यमंत्री को ज्ञापन देते हुए कहा कि गाजियाबाद जिला जज का अविलंब तबादला किया जाना चाहिए। लाठीचार्ज में घायल वकीलों का इलाज और तीन-तीन लाख का मुआवजा दिया जाना चाहिए। इसके बाद एसोसिएशन के अधिवक्ताओं ने जिला और मेरठ बार एसोसिएशन का समर्थन करने का निर्णय लिया था। उन्होंने राज्यपाल और प्रदेश के मुख्यमंत्री को ज्ञापन देते हुए कहा कि गाजियाबाद जिला जज का अविलंब तबादला किया जाना चाहिए। लाठीचार्ज में घायल वकीलों का इलाज और तीन-तीन लाख का मुआवजा दिया जाना चाहिए।
राज्यपाल और प्रदेश के मुख्यमंत्री को ज्ञापन देते हुए गाजियाबाद जिला जज का अविलंब तबादला करने की मांग की।
लाठी चार्ज करने वाले पुलिस अधिकारियों का तुरंत बदला होना चाहिए और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। लेकिन उल्टा ही पुलिस द्वारा वकीलों पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया। न्यायालय अधिकारियों के दुर्व्यवहार पर अलग से नियम कानून बनना चाहिए।
