मेरठ 19 अप्रैल (प्र)। शहर के चर्चों में गुड फ्राइडे की प्रार्थना सभाओं में ईसाई समाज के लोगों ने प्रभु यीशु के बलिदान को याद किया। कलीसियाओं इस अवसर उपवास रखा और श्वेत वस्त्र पहन कर प्रार्थना सभाओं में शामिल हुए। देर रात प्रार्थना के समापन के बाद उपवास समाप्त किया। रुड़की रोड स्थित सेंट जोजफ चर्च परिसर में 14 मुकाम की यात्रा का आयोजन हुआ। बड़ी संख्या मौजूद कलीसिया प्रभु यीशु को मिले कष्ट को याद कर भाव विह्वल हो गए। और रो पड़े। दोपहर तीन बजे निकाली गई इस यात्रा में उस घटना को दोहराया गया जब रोम के राज्यपाल ने पिलातूस ने मौत की सजा सुनाई थी । यीशु को कोड़े से मारा जाता है और सिर कांटों ताज पहनाया जाता है। फादर जान चिमन और फादर रोबिन ने संचालन किया । क्रूस कंधे पर उठाए हुए वह येरुशलम की गलियों से होते कलवारी पहाड़ पर चढ़ने के दौरान यह 14 घटनाएं हुई थी । क्रूस से लेकर चलते समय यीशु खून और पसीने से तरबतर हो जाते हैं। वेरोनिका नाम की महिला जो उनकी भक्त थी अपने रुमाल से उनका चेहरा पोछती है तो रूमाल पर यीशु की आकृति उभर आती है। 11 वें मुकाम पर उनके हाथों और पैरों पर कील ठोक कर क्रूस पर लटकाते हैं। 12 वें मुकाम पर क्रूस पर तीन घंटे टंगे रहने के बाद वह दम तोड़ देते हैं। 13 वें उन्हें क्रूस से उतार कर माता मरियम की गोद में रखा जाता है और 14 वें उन्हें दफनाया जाता है।
देर शाम बिशप भास्कर जेसुराज ने दुख भोग का पाठ किया। संदेश देते हुए कहा यहूदी समाज में इस घटना से पहले पशु बलि की परंपरा थी। यीशु ने अपना बलिदान कर पूरे मानव समाज को पापों से मुक्त किया । कितना महान कितना महान येशु मसीह का यह बलिदान, येशु प्यारा कू्रस पर टंगा है देखो माता बिलख रही है आदि भजन गाए गए। फादर जान चिमन ने बताया कि शनिवार की रात पास्का जागरण होगा।
सात वचनों को याद किया रू लालकुर्ती स्थित सेंट्रल मैथोडिस्ट चर्च में यीशु के अंतिम समय में कहे गए सात वचनों पर फादर युसुफ ने प्रवचन किया। पहला वचन यह था प्रभू इनको क्षमा करना इन्हें पता नहीं यह क्या कर रहे हैं। इसके साथ वह अपने साथ वह अपने साथ क्रूस पर लटकाए जा रहे एक डाकू से कहते हैं तृ मेरे साथ स्वर्गलोक में होगा। यीशु अपनी माता मरियम की देखभाल का जिम्मा अपने शिष्य युहन्ना को देते हैं। अंत समय यीशु ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि तूने मुझे अकेला क्यों छोड़ दिया। उनका छा वाक्य था पूरा हुआ। फादर युसुफ ने बताया कि हमारे पापों का बोझ लेकर शुक्रूस पर चढ़े थे । तात्पर्य है कि जिस कार्य के लिए वह आए वह पूरा हुआ।
चर्च के सदस्यों ने जो क्रूस पर कुर्बान है वह मसीहा हमारा है। हर जख्म जो उसका है वह हमारे गुनाह का है । जैसे प्रभु यीशु के बलिदान पर गीत गाए । अभिषेक सैमुअल और अभिषेक सिंह ने प्रार्थना संपन्न कराई । बच्चा पार्क स्थित सेंट थामस चर्च में फादर पारितोष नोएल ने भी सात वाणियों पर मनन किया ।