वैसे तो सरकार आए दिन जनहित में नई योजनाएं बना रही हैं और उनका लाभ पात्रों तक पहुंचाने की कोशिश की बात भी कही जा रही है लेकिन उसका कितना फायदा जिनके लिए यह बनी उन्हें हो रहा है यह लागू करने और सहायता प्राप्त करने वाले ही बता सकते हैं लेकिन फिलहाल उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गरीब की बेटी का विवाह खुशहाल माहौल में हो उसके लिए निर्माण श्रमिकों की बेटियों की शादी में एक लाख रूपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की गई है। खबर के अनुसार यह राशि पंजीकृत महिला निर्माण श्रमिकों के खुद के विवाह के लिए भी दी जाएगी। अभी तक कन्या विवाह सहायता योजना के तहत सरकार प्रति विवाह 82 हजार रूपये खर्च कर रही थी।
इस व्यवस्था के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बधाई दी जानी चाहिए क्योंकि शासन और सरकार कोई भी निर्णय सीएम की सहमति के बिना नहीं ले सकता।
इस मामले में मेरा कहना है कि ऐसी योजनाओं में सरकार जो अलग अलग मदों में रूपया देती है या सामान खरीदकर उसकी बजाय अगर कन्या या उसके माता पिता को यह राशि उसके बैंक खाते में डाल दी जाए तो यह उसके लिए और जिस उददेश्य के लिए दी जा रही है उसके लिए काफी लाभदायक होगी क्योंकि इसमें कमीशनखोरी का काम नहीं हो पाएगा वरना ऐसी चर्चा सुनने को मिलती है कि जिसे सामान खरीदने की जिम्मेदारी दी जाती है वो कीमत से ज्यादा के बिल बनवाकर उसमें कमीशन प्राप्त करता है लेकिन उसकी जेब भले ही भर पाए पात्रों को सरकार से मिलने वाली पूरी सहायता नहीं मिल पाती।
(प्रस्तुतिः- रवि कुमार बिश्नोई संपादक दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)
सराहनीय है यूपी के सीएम का प्रयास ! श्रमिकों की बेटी की शादी में दी जाने वाली राशि एकमुश्त बैंक खाते में जमा कराई जाए
Share.
