गुजरात के उद्योगमंत्री बलवंत सिंह राजपूत के अनुसार गुजरात में कारखानों में अब 12 घंटे की शिफ्ट होगी इससे औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा और अधिक गतिविधियां तथा रोजगार के अवसर पैदा किए जा सकेंगे। जुलाई में जारी अध्यादेश का स्थान लेने वाला यह विधेयक बहुमत से पारित हो गया। इनका कहना हेै कि सप्ताह में कुल कार्यघंटे 48 होंगे यदि श्रमिक चार दिन 48 घंटे काम करते हैं तो उन्हें दिन तीन सवेतन अवकाश मिलेगा। 2025 महिलाओं की सुरक्षा के लिए शाम सात बजे से सुबह छह बजे के बीच रात्रिपाली में काम करने की अऩुमति देता है। उक्त विधेयक बीते बुधवार को पारित होने की खबर है। विधेयक विधानसभा में पारित हुआ। जनप्रतिनिधियों ने इसमें सहभागिता की। उद्योग मंत्री बलवंत सिंह राजपूत इसे श्रमिकों के हितों में बता रहे हैं। लेकिन मुझे लगता है कि इस विधेयक से श्रमिकों में तनाव और थकान दोनों बढ़ेंगे। भले ही चार दिन में काम निपटाने से तीन दिन राहत मिलेगी लेकिन चार दिन 12 घंटे काम करन से एक तो कार्यक्षमता घटेगी क्योंकि लगातार 12 घंटे एक जगह काम करना मानसिक व शारीरिक विकास के लिए उचित नहीं कहा जा सकता। बाकी सरकार ने निर्णय लिया है। विधानसभा में पास हो गया है इसलिए मैं तो सिर्फ अपनी बात ही कह सकता हूं। विधेयक सही है या गलत यह श्रमिक या कर्मचारी नेता तय करेंगे अथवा विपक्षी दलों को एक सर्वे कराकर अपनी रिपोर्ट पेश करनी चाहिए जिससे यह स्पष्ट होता हो कि 12 घंटे लगातार काम करना उचित है या नहीं। खबर में कहा गया हेै कि महिलाओं को रात्रि पाली में काम करने की अनुमति देता है यह विधेयक। लेकिन मुझे लगता है कि इस पर अभी कर्मचाारियों से एक बार चर्चा जरुर की जानी चाहिए। क्योंकि इस पर खरा उतरने की जिम्मेदारी उनकी ही होगी। क्योंकि 12 घंटे काम करने के लिए घर से एक घंटा पहले और एक घंटा बाद घर पहुंचना होगा इसलिए उसके लिए यह 14 घंटा हो जाएगा।
(प्रस्तुतिः- रवि कुमार बिश्नोई संपादक दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)
कारखानों में 12 घंटे लगातार काम करने के निर्णय पर हो पुनर्विचार, सरकार के इस निर्णय से परेशान हो सकते हैं कर्मचारी
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