सिंचाई एवं जल संसाधन मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने बीते दिवस बिजनौर के गंगा तट पर बने रावली तटबंध का निरीक्षण करने के बाद कहा कि सिंचाई विभाग के अधिकारी २० दिन तक संभालेंगे तटबंध की जिम्मेदारी। मान्य मंत्री जी बाढ़ आना एक प्राकृतिक आपदा है। इससे नागरिकों को मुक्ति दिलाने के लिए नदियां जोड़ो अभियान चर्चाओं में है लेकिन मुझे लगता है कि बाढ़़ का मुख्य कारण रजवाहों नहरों की समय से सफाई ना हो और विभागीय अफसरों की मिलीभगत से कागजों में रजवाहे की होने वाली सफाई की मिलने वाली खबरों और फिलहाल जो अवैध निर्माणकर्तओं या भूमाफियाओं द्वारा विभाग के भ्रष्ट अधिकारियों की मिलीभगत से अथवा षडयंत्र कर रजवाहों को पाटने या उन्हें बंद कराने का काम हो रहा है वो भी बाढ़ पीड़ितों की समस्याओं के लिए जिम्मेदार है। उदाहरण के रूप में कैबिनेट मंत्री जी आप मेरठ में परतापुर बाईपास से लगे रजवाहे की स्थिति को देख सकते हैं। यहां कई बिल्डरों ने बिना भूउपयोग बदलवाए कॉलोनी बना दी गई है या कई लोगों ने होटल खोल लिए हैं और उन पर जाने का रास्ता रजवाहों को पाटकर बना लिया गया है। बीते दिनों उप्र सरकार द्वारा रजवाहों को पाटने वालों के खिलाफ कार्रवाई कर उन्हें जेल भेजने का निर्देश दिया गया। ताज्जुब की बात है कि मेडा के अधिकारियेां से मिलीभगत कर होटल वन फारर का नक्शा पास कराया गया और जमीन का भूउपयोग बदले बिना वहां होटल खड़ा कर दिया और बिना एनओसी रजवाहे को पाटकर रास्ता बना लिया गया। ताज्जुब की बात है कि केंद्र व प्रदेश की सिंचाई नीति को नजरअंदाज कर मेरठ के सिंचाई विभाग के संबंधित अधिकारी दिखाने के लिए फोर्स भी मांग रहे हैं और एफआईआर करा रहे हैं लेकिन इनके द्वारा कुछ नहीं किया जा रहा लेकिन एक साल के बाद भी मजबूती से फोर्स मांगी जाए और मेडा और नगर निगम व पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों से संपर्क कर कार्रवाई की योजना बनाई जाती तो होटल वन फारर द्वारा रजवाहे को पाटकर किया गया निर्माण ध्वस्त किया जाता लेकिन इनकी लापरवाही से अब कई अन्य लोग रजवाहा पाटते जा रहे हैं। आखिर सरकार की नीतियों और भूमाफियाओं व रजवाहा पाटने वालों पर कौन कार्रवाई करेगा यह विषय सोचनीय है।
(प्रस्तुतिः- रवि कुमार बिश्नोई संपादक दैनिक केसर खुशबू टाइम्स)
सिंचाई मंत्री व यूपी सरकार दे ध्यान! होटल वन फारर, गलत तरीके से किया निर्माण सिंचाई विभाग का रजवाहा पाटकर निकाला रास्ता अफसर कागजी कार्रवाई कर मामले को टाल रहे हैं
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