Thursday, November 13

दिवाली तक लिंक मार्ग खुलने की संभावना, सरकारी जमीन पर अवैध निर्माण कर किराया खाने वाले डाक्टर को नहीं दिया जाना चाहिए मुआवजा, जनता में जाएगा गलत संदेश

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मेरठ 19 सितंबर (दैनिक केसर खुशबू टाइम्स)। 30 साल से बागपत और रेलवे रोड को जोड़ने के लिए लिंक रोड की चली आ रही मांग पिछले कुछ माह में कई बार ऐसा लगा कि अब पूरी हो गई और रास्ता एक दो दिन में ही खुल जाएगा और लाखों लोगों को आगमन का फायदा पहुंचाने वाली इस योजना को सेना ने बागपत व रेलवे रोड के बीच अपनी अपनी आवासीय कालोनी के परिसर में से 2.369 एकड़ जमीन काफी पहले दे दी। राज्यसभा सदस्य भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डा0 लक्ष्मीकांत वाजपेयी के प्रयासों से लिंक रोड बनकर तैयार हो गई। मगर जहां तक नजर आ रहा है मेडा के अधिकारियों द्वारा आशीर्वाद नर्सिंग होम के अवैध रूप से निर्मित ज्यादातर हिस्से को तोड़ने और सेना की जमीन दबाये जाने की चर्चा जो सामने आती है उसे खाली कराने का काम जिस तेजी से कराना चाहिए वो अब तक नहीं किया गया वर्ना लिंक रोड का संचालन कभी का शुरू हो गया होता। आसपास के जिन मौहल्लों के नागरिकों को सीधे सीधे लिंक मार्ग का फायदा पहुंचना है और इसके लिए आंदोलन भी किया गया उनका मानना है कि मेडा के अधिकारी किस बात का पैसा नर्सिंग होम संचालक को दे रहे है। होना यह चाहिए कि इसके अवैध निर्माण को तोड़वाकर लिंक रोड शुरू कराये और बागपत रोड पर टीपी नगर व लिंक रोड के बीच एक सुन्दर चौराहे का निर्माण करा दिया जाए। जहां तक 62 मीटर जमीन खरीदने की बात है उसमें तो किसी को एतराज नजर नहीं आता है लेकिन जिस 45 मीटर का जमीन का बैनामा नर्सिंग होम के संचालक डा0 प्रदीप बंसल से कराने की बात चल रही है वो क्यों। पहले सरकारी जमीन खाली कराई जाए फिर चिन्हित कर अवैध निर्माण तोड़ा जाए फिर लिंक रोड सीधे निकाली जाए। क्योंकि सरकारी पैसा डाक्टर को देने की बजाए यहां के विकास कार्यों पर लगाया जा सकता है। इसलिए 98 लाख रूपये डा0 प्रदीप बंसल को दिया जाना जरूरी नहीं है।

दूसरी ओर यह भी चर्चा है कि बीते दिनों मेडा की टीम आशीर्वाद नर्सिंग होम के निर्माण पर सील लगाने पहुंची मगर महिला पुलिस न मिलने के नाम पर वापस चली गई। लेकिन इसका यह फायदा जरूर हुआ कि खुद अस्पताल के मालिक द्वारा अवैध निर्माण हटाना शुरू कर दिया गया। जानकारों का कहना है कि अब यह नूराकुश्ती कब तक चलेगी यह तो समय ही बताएगा मगर दिवाली तक लिंक रोड खुलने की चर्चा को लेकर खुशी व्याप्त है। बीते दिनों मेडा ने नोटिस भेजकर डा0 प्रदीप बंसल को मानचित्र दिखाने की मांग की थी जो वो नहीं दिखा पाए और दिखायेगे भी कहां से क्योंकि ज्यादातर निर्माण अवैध बताया जाता है जिसकी कमाई वो किरायेदार से लेते चले आ रहे है। जो भी हो जितनी जल्दी लिंक मार्ग खुले उतना अच्छा है। लेकिन डाक्टर द्वारा अवैध रूप से दबाई गई जमीन का पैसा नहीं दिया जाना चाहिए। क्योंकि इससे लोगों को सरकारी जमीन दबाने और अवैध निर्माण करने के मामले में गलत तरीके से प्रोत्साहन मिलेगा।

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