मेरठ 24 नवंबर (प्र)। परतापुर से हरिद्वार होते हुए देहरादून जाने वाले हाईवे (पुराना एनएच-58) जाम से जूझ रहा है। वीकेंड पर इस पर वाहन रेंगने लगते हैं। इसके समाधान के लिए एक साल पहले इस चार लेन हाईवे को छह लेन बनाने की घोषणा हुई थी, लेकिन अभी सिर्फ डीपीआर ही तैयार की जा रही है। डीपीआर तैयार होने में लगभग छह महीने लग लगेंगे। यदि सभी प्रक्रिया क्रम से तेजी से संपन्न हुई तो टेंडर प्रक्रिया के बाद कार्य आवंटन होने तक लगभग एक साल लग जाएंगे। जब कार्य शुरू होगा तो कम से कम डेढ़ साल उसे पूर्ण करने की समय सीमा दी जाएगी। यानी अभी कम से कम ढाई-तीन साल तक इंतजार करना पड़ेगा।
एनएचएआइ की जो परियोजनाएं ग्रीनफील्ड हैं, उन्हें पूरा करने में एक-दो साल अतिरिक्त समय लग रहा है यानी अधिकांश परियोजनाएं देरी से पूर्ण हो पा रही हैं। रुड़की हाईवे को चौड़ा करने के लिए जमीन खरीद भी की जानी है। यानी इस प्रक्रिया में भी समय लगेगा। परतापुर से मुजफ्फरनगर के रामपुर तिराहा तक छह लेन चौड़ीकरण किया जाना है। माना जा रहा है कि परतापुर से सिवाया टोल प्लाजा तक एलिवेटेड रोड भी बनेगी। पूरे मार्ग पर 20 नए अंडरपास बनाए जा सकते हैं।
मंसूरपुर में हाईवे को लगभग डेढ़ किमी तक एलीवेटेड किया जा सकता है। लक्ष्य है कि लगभग सभी कट बंद करके उस पर अंडरपास बना दिया जाए। जहां आवश्यक होगा वहां फ्लाईओवर बनेगा। मंसूरपुर में दोनों ओर मार्केट, चीनी मिल, मेडिकल कालेज के कारण जाम की स्थिति बनी रहती है। यहां डेढ़ किमी की दूरी में एलिवेटेड सड़क बनाई जाएगी। पुराने फ्लाईओवर को चौड़ा करके डबल किया जाएगा। हालांकि चौड़ीकरण में क्या-क्या शामिल होगा यह डीपीआर तैयार होने पर ही स्पष्ट हो सकेगा।
मार्च 2026 तक डीपीआर तैयार करके मंत्रालय को सौंपने का लक्ष्य रखा गया है। मैसर्स एफपी इंडिया प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंसी सर्विस प्राइवेट लिमिटेड डीपीआर के लिए सर्वे कर रही है।
एनएचएआइ परियोजना निदेशक राजकुमार नाहरवाल का कहना है कि मेरठ-रुड़की हाईवे का चौड़ीकरण किया जाना है, इसके लिए डीपीआर तैयार की जा रही है। छह महीने में डीपीआर तैयार हो जाएगी। फिर मंत्रालय से स्वीकृति व टेंडर आदि प्रक्रिया के बाद कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
