मेरठ 05 दिसंबर (प्र)। यूपी में सबसे लंबा और महत्वाकांक्षी रोड प्रोजेक्ट, गंगा एक्सप्रेस-वे अपने अंतिम चरण में है। 12 जिलों को जोड़ने वाले मेरठ से प्रयागराज तक 594 किलोमीटर लंबा गंगा एक्सप्रेस-वे प्रदेश की कनेक्टिविटी को पूरी तरह बदल देगा।
परियोजना का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है, सिर्फ उन्नाव- हल्द्वानी सेक्शन में करीब पांच प्रतिशत कार्य बाकी है। कुल 1498 बड़े स्ट्रक्चर में से 1497 का काम पूरा हो चुका है, जिससे पूरा मार्ग ट्रायल रन के लिए तैयार है। मेरठ से प्रयागराज का सफर मात्र छह घंटे में पूरा हो सकेगा। नेडा के अधिकारियों का कहना है कि अगले साल मार्च या अप्रैल में प्रधानमंत्री गंगा एक्सप्रेस- वे का उदघाटन कर सकते है।
मेरठ से प्रयागराज तक बनने वाले गंगा एक्सप्रेस-वे पर अगले साल मार्च व अप्रैल तक वाहन दौड़ना शुरू हो जाएंगे। मेरठ से अमरोहा, संभल व बदायूं तक काम पूरा हो गया है। आसपास के जनपदों में भी कार्य अंतिम चरण में है। हर जिले में टोल बूथ पर फिनिशिंग का काम चल रहा है योगी सरकार की इस महत्वाकांक्षी परियोजना गंगा एक्सप्रेसवे की लंबाई 594 किमी है। एक्सप्रेसवे का ट्रायल दिसंबर के पहले 12 जिलों से होकर गुजरने वाले गंगा सप्ताह में पूरा हो जाएगा। अंतिम तकनीकी एक्सप्रेस-वे के जरिए मेरठ से प्रयागराज की परीक्षण के बाद मार्च या अप्रैल 2026 के दूरी महज 6 घंटे में पूरी हो सकेगी। गंगा दूसरे सप्ताह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका एक्सप्रेसवे मेरठ से शुरू होकर हापुड़, उद्घाटन कर सकते है। मेरठ-बदायूँ सेक्शन बुलंदशहर, अमरोहा, सम्भल, बदायूं में 129 किलोमीटर लंबे मार्ग पर ट्रायल रन शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, पूरी तरह से तैयार है, जिससे यात्रियों और प्रतापगढ़ एवं प्रयागराज पर समाप्त होगा। उद्योगों को बड़ी राहत मिलेगी।
सिंभावली रेलवे ट्रैक का काम पूरा
एक्सप्रेसवे के प्रमुख सेक्शन सिंभावली में रेलवे ट्रैक का कार्य अधूरा पड़ा था। यूपीडा ने इसे अब पूरा कर लिया है और रिपोर्ट शासन को भेज दी है। ट्रायल से पहले तकनीकी विशेषज्ञों की निगरानी में विभागीय परीक्षण किया जाएगा। इसके बाद अंतिम ट्रायल और उद्घाटन की तारीख का एलान किया जाएगा।
प्रदेश और देश के लिए विकास की नई राह
गंगा एक्सप्रेसवे केवल एक सड़क नहीं, बल्कि यूपी का आर्थिक और औद्योगिक गलियारा है। यह प्रदेश के पश्चिमी और पूर्वी क्षेत्रों के बीच संपर्क मजबूत करेगा, किसानों को कृषि उत्पाद बड़े बाजारों तक तेजी से पहुंचाने में मदद करेगा रोजगार सृजन करेगा और राज्य को एक्सप्रेसवे राज्य के रूप में स्थापित करेगा। इस प्रकार गंगा एक्सप्रेसवे न सिर्फ यात्रा का समय घटाएगा, बल्कि यूपी और भारत की आर्थिक प्रगति और रणनीतिक सुरक्षा में भी मील का पत्थर साबित होगा।
गांव मंगरौला में बनाए गए हैं टोल बूथ
गंगा एक्सप्रेसवे पर गांव मंगरीला में टोल बूथ बनाए गए हैं। यहीं पर एंट्री और एग्जिट के गेट भी बनाए गए हैं। इसके अलावा रुखालू के पास सर्विस वेलफेयर एरिया बनाने की तैयारी की जा रही है।
यात्रा समय में अभूतपूर्व कमी
गंगा एक्सप्रेसवे चालू होने के बाद मेरठ से प्रयागराज की दूरी अब केवल 6 घंटे में पूरी होगी, जबकि सामान्य सड़क मार्ग से यह सफर 10 से 12 घंटे या उससे अधिक समय लेता था। छह लेन वाले इस आधुनिक एक्सप्रेसवे पर वाहन 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकेंगे। यह न केवल यात्रियों के लिए समय बचाएगा, बल्कि प्रदेश के व्यवसाय और लॉजिस्टिक्स गतिविधियों में भी तेजी लाएगा।
औद्योगिक गलियारा और आर्थिक विकास
एक्सप्रेसवे के दोनों तरफ औद्योगिक गलियारा विकसित किया जा रहा है। मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज सहित 12 जिलों के औद्योगिक क्षेत्रों को इससे नई गति मिलेगी। परियोजना के लिए 36,230 करोड़ रुपये की लागत से 7453 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित की गई है। भविष्य में इसका विस्तार हरिद्वार तक करने की योजना भी है।
रणनीतिक और सुरक्षा महत्व
गंगा एक्सप्रेस-वे पर पांच विशेष हवाई पट्टियां विकसित की गई हैं, जहां आपात स्थिति में लड़ाकू विमान उतारने की सुविधा होगी। शाहजहांपुर के जलालाबाद में बनी 3.5 किलोमीटर लंबी एयर स्ट्रिप पहले ही तैयार हो चुकी है। मई में यहां भारतीय वायुसेना के राफेल, मिराज और जगुआर जैसे एडवांस फाइटर जेट्स ने टच एंड गो रिहर्सल करके अपनी ताकत का प्रदर्शन किया था।
