वाराणसी 28 अक्टूबर। श्री काशी विश्वनाथ धाम के गर्भगृह में प्रवेश और पूजा-अर्चना के लिए ड्रेस कोड लागू होगा। इसका खाका न्यास बोर्ड ने तैयार कर लिया है। धोती-कुर्ता और साड़ी में पहनकर आने वाले श्रद्धालुओं को ही गर्भगृह में प्रवेश व पूजा-अर्चना की अनुमति मिलेगी।
जींस और दूसरे कपड़े पहनकर आने पर झांकी दर्शन की अनुमति दी जाएगी। दूसरी तरफ मंदिर के अर्चक, शास्त्री और सहायक पुजारियों की पहचान भी ड्रेस कोड से होगी। ट्रायल के तौर पर शुक्रवार को मंदिर न्यास ने पुजारियों के साथ ही सहायकों के लिए नया ड्रेस कोड लागू किया है।
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के अध्यक्ष प्रो. नागेंद्र पांडेय ने बताया कि गर्भगृह में रहने वाले पुजारी अभी केवल धोती पहनते हैं। उनके लिए जाड़े में चादर और गर्मी में दुपट्टा दिया जाएगा। इस पर न्यास का लोगो होगा, जो कि उनकी पहचान बताएगा। ऐसे ही मंदिर के अर्चक, शास्त्री और सहायक पुजारियों के लिए भी धोती कुर्ता के साथ ही अलग-अलग लोगो निर्धारित किया गया है।
मंदिर न्यास द्वारिकाधीश मंदिर के बाद श्रद्धालुओं के लिए नया ड्रेस कोड लागू करने पर विचार कर रहा है। गर्भगृह में पूजन करने वालों के लिए धोती कुर्ता और महिलाओं के लिए साड़ी अनिवार्य रहेगी। इस प्रस्ताव को न्यास की अगली बैठक में रखा जाएगा। बाबा विश्वनाथ के धाम में आने वाले श्रद्धालु सामान्य कपड़े पहनकर आएं और धाम की आध्यात्मिकता का पूरा ख्याल रखें। मंदिर आने वालों के लिए कपड़े ऐसे हों, जिनका किसी भी तरह का दुष्प्रभाव ना पड़े। आधुनिकता के दौर में जो भी वस्त्र पहनें, वह सभ्य हो।
पुजारी और अर्चकों के लिए ड्रेस कोड पर न्यास की मुहर लग चुकी है। सामान्य श्रद्धालुओं के लिए ड्रेस कोड का कोई प्रावधान नहीं है।