अहमदाबाद 25 अक्टूबर। गुजरात के अहमदाबाद में मंगलवार को दशहरे के अवसर पर गुजरात बौद्ध अकादमी द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में राज्य भर से लगभग 400 हिंदुओं ने बौद्ध धर्म अपना लिया. दशहरे पर प्रतिवर्ष आयोजित होने वाला यह 14वां ऐसा आयोजन है. अहमदाबाद, गांधीनगर, वडोदरा, मेहसाणा, सुरेंद्रनगर और बोटाद के परिवारों ने बौद्ध धर्म अपनाया. बता दें कि अमरावती महाराष्ट्र के भदंत प्रज्ञाशील महाथेरो की अध्यक्षता में यह समारोह हुआ.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, वडोदरा स्थित 38 वर्षीय प्रवीणभाई परमार भी धर्म परिवर्तन करने वालों में से एक थे, उन्होंने अपने फैसले के लिए हिंदू धर्म में असमानता का हवाला दिया और कहा कि “बौद्ध धर्म में समानता, प्रेम और करुणा है. कोई भेदभाव नहीं, हिंदू धर्म में हर जगह भेदभाव है और दलितों पर दिन-ब-दिन अत्याचार बढ़ रहे हैं. हिंदू होने का क्या मतलब है जब हमारे लिए कुछ भी अच्छा नहीं है.” बता दें कि धर्म परिवर्तन करने वालों में अधिकतर लोग दलित समुदाय से थे.
एक प्राईवेट स्कूल में काम करने वाले परमार 2013 से अकादमी से जुड़े हुए हैं, लेकिन उन्होंने अब इस धर्म को अपनाने का फैसला किया. उनकी पत्नी और 9 और 7 साल की दो बेटियों ने भी बौद्ध धर्म को अपनाया. उन्होंने कहा, “जब हमें बौद्ध धर्म के बारे में और अधिक पता चला तो हमने सोचा कि यह कदम उठाने का सही समय है.”
गुजरात बौद्ध अकादमी के सचिव रमेश बनकर ने कहा कि जिन 418 लोगों ने धर्मांतरण के लिए एक महीने पहले कलेक्टर कार्यालय में अपने आवेदन जमा किए थे, उनमें से लगभग 90 प्रतिशत आज दीक्षा के लिए उपस्थित थे. उनमें से अधिकांश ने बौद्ध धर्म अपना लिया है क्योंकि यह धर्म हिंदू धर्म में छुआछूत और जातिगत भेदभाव के विपरीत सभी को समानता की दृष्टि से देखता है.