नई दिल्ली, 11 दिसंबर। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने ट्रक चालकों के लिए सफर को सुविधाजनक बनाने के मकसद से अक्तूबर, 2025 से बनने वाले ट्रकों के केबिन में एयरकंडीशनर देना अनिवार्य कर दिया है।
मंत्रालय ने एक गजट अधिसूचना जारी करते हुए कहा कि एक अक्तूबर, 2025 या उसके बाद बनने वाले एन-2 एवं एन-3 श्रेणी के वाहनों के केबिन में वातानुकूलन प्रणाली (एसी) लगानी होगी। सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने जुलाई में ही ट्रक चालकों के लिए केबिन में एयरकंडीशनर लगाना अनिवार्य किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दिए जाने की जानकारी दी थी। गडकरी ने कहा था कि माल ढुलाई में ट्रक चालक बहुत अहम भूमिका निभाते हैं, लिहाजा उनके कामकाज के हालात और मनोदशा को ठीक रखने के लिए इस पर ध्यान देना जरूरी है।
मंत्रालय ने बीते शुक्रवार रात जारी एक राजपत्र अधिसूचना में कहा कि, “1 अक्टूबर, 2025 या उसके बाद बने सभी एन2 और एन3 कैटेगरी के ट्रकों के केबिन के लिए एयर कंडीशनिंग सिस्टम लगाया जाएगा.” अधिसूचना में कहा गया है कि एयर कंडीशनिंग सिस्टम से लैस केबिन की टेस्टिंग अधिसूचित ऑटोमोटिव मानकों के अनुसार होगा. इसमें N2 और N3 कैटेगरी के कमर्शियल वाहन शामिल होंगे.
ये मानक ट्रक निर्माताओं को एसी सिस्टम वाले केबिन के साथ चेसिस बेचने का मार्ग भी प्रशस्त करेंगे. मौजूदा समय में, ट्रक बॉडी बनाने वाले बिल्डर फिट करते हैं. इसलिए ट्रक के डैशबोर्ड सहित एसी केबिन्स में मॉडिफिकेशन की जरूरत होगी, इसलिए ट्रक निर्माता कंपनियों को स्वयं लगाना होगा. जिससे केबिन को फिट करने के लिए वाहन बॉडी बिल्डरों की जरूरत समाप्त हो जाएगी. बता दें कि एक नॉन-प्रॉफ़िटेबल ऑर्ग्नाइजेशन ने 2020 में 10 राज्यों में ट्रक ड्राइवरों का सर्वेक्षण किया था जिसमें लगभग आधे से ज्यादा ट्रक ड्राइवरों ने इस बात को स्वीकार किया था कि वे थकान या नींद महसूस होने पर भी ट्रक चलाते हैं.
कौन से हैं एन2 और एन3 कैटेगरी के वाहन?
एन2 कैटेगरी : इस कैटेगरी में वे भारी मालवाहक वाहन आते हैं जिनका कुल वजन 3.5 टन से ज्यादा और 12 टन से कम होता है.
एन3 कैटेगरी : N3 कैटेगरी में वे भारी मालवाहक वाहन आते हैं जिनका कुल वजन 12 टन से अधिक है.