मेरठ 02 अक्टूबर (प्र)। मेरठ विकास प्राधिकरण इंजीनियरों ने पिछले तीन माह के भीतर शहर में 250 अवैध निर्माणों पर सील लगाने की कार्रवाई की हैं, लेकिन ध्वस्तीकरण क्यों नहीं किया? ये बड़ा सवाल हैं। सील लगाने के बाद एक तरह से प्राधिकरण इंजीनियर फाइल बंद कर रहे हैं। ध्वस्तीकरण करने का जब नंबर आता है, तब ये कह दिया जाता है कि फोर्स नहीं मिल रही हैं। इसके कई मामले सामने आ चुके हैं।
एनएच-58 पर स्थित ईरा गार्डन के मुख्य गेट पर एक रेस्टोरेंट बनकर तैयार हो गया हैं। इस पर सील लगाई गई, एक बार नहीं, बल्कि दो बार। ध्वस्तीकरण इसका नहीं हुआ। ध्वस्तीकरण क्यों नहीं किया। इसको लेकर प्राधिकरण की खासी किरकिरी हो रही हैं। क्योंकि नये निर्माण तोड़ने के लिए प्राधिकरण उपाध्यक्ष ने कहा था, लेकिन यहां तो नये निर्माण तोड़े ही नहीं जा रहे हैं। इसके अलावा सरधना रोड पर नंगला ताशी के सामने एक बेसमेंट और फिर दो मंजिल तक बिल्डिंग बनकर तैयार हो गयी हैं।
इस पर सील मेडा इंजीनियर लगा चुके हैं, लेकिन इस निर्माण को क्यों नहीं तोड़ा गया? इंजीनियरों की भूमिका पर भी सवाल उठना लाजिमी हैं। कहा जा रहा है कि फोर्स नहीं मिल रही हैं। बाकी काम के लिए फोर्स तत्काल मिल रही हैं, लेकिन इस निर्माण को गिराने के लिए फोर्स नहीं मिल रही हैं। सराफा बाजार पुराना शहर में तीन काम्प्लेक्स अवैध बनकर खड़े हो गए। इनको गिराने के आदेश हैं। सील भी लग चुकी हैं, मगर इनको गिराया नहीं जा रहा हैं। अब प्राधिकरण के इंजीनियर कह रहे है कि भीड़भाड़ वाला इलाका है, इसमें जेसीबी मशीन नहीं जा सकती। ध्वस्तीकरण भी नहीं किया जा सकता। क्योंकि बराबर के मकानों को क्षति पहुंच सकती हैं। अब कहा ये जा रहा है कि लिंटर में नुकुली वस्तु से सुराग जगह-जगह कर दिये जाए। ऐसा करने से फिर से लिंटर को दुरुस्त किया जा सकता हैं। भाजपा नेता अतुल सिंह की बिल्डिंग साकेत में बनकर तैयार हो गयी। इसका मानचित्र आवासीय में स्वीकृत कराया और हॉस्पिटल बना दिया गया।
इस पर भी सील की कार्रवाई तीन माह पहले की गई थी, लेकिन इस बिल्डिंग को भी नहीं गिराया गया। इस पर भी इंजीनियर खास मेहरबान हैं। चर्चा है कि कुछ आईएएस अफसर फोन करके दबाव बना रहे हैं, जिसके चलते इसमें कार्रवाई करने से प्राधिकरण ने कदम पीछे खींच लिये हैं। फिर भाजपा नेताओं की सिफारिश भी इसमें आ रही हैं। इस तरह से सील तो प्राधिकरण ने 250 बिल्डिंग पर लगा दी, लेकिन ध्वस्तीकरण क्यों नहीं किया?