लखनऊ 04 नवंबर। उत्तर प्रदेश को हवाई जहाज निर्माण का गढ़ बनाया जाएगा। जेवर में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड ( नायल) के पास एक हजार एकड़ भूमि पर इसी माह योजना लाने की तैयारी है। यहां विमानों के कलपुर्जों के साथ-साथ उसकी असेंबलिंग व मैन्युफैक्चरिंग इकाइयां स्थापित की जाएंगी। इसके लिए भारतीय कंपनियों के साथ- साथ अमेरिका समेत कई विदेशी कंपनियां भी अपनी यूनिट लगाने के लिए उत्सुक हैं।
एविएशन मैन्युफैक्चरिंग हब बनने से यहां पर भारत ही नहीं बल्कि दूसरे देशों के विमानों की मरम्मत भी हो सकेगी। अभी तक भारत को दूसरे देशों में विमानों की मरम्मत करानी पड़ती है। जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट में एविएशन मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री विकसित करने के लिए लेआउट बनाने का काम पीडब्ल्यूसी को सौंप दिया गया है लेआउट बनते ही नायल बोर्ड की बैठक बुलाकर स्कीम लाने पर निर्णय लिया जाएगा।
यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (यीडा) के सीईओ अरुणवीर सिंह ने बताया कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के दूसरे फेज में 1,365 हेक्टेयर जमीन के अधिग्रहण की प्रक्रिया जारी है इसे मेंटेनेंस रिपेयर एंड ओवरहॉल (एमआरओ) व एविएशन हब के रूप में विकसित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि नायल ने एविएशन हब बनाने का निर्णय लिया है।
एक हजार एकड़ के एविएशन पार्क में 5-5 एकड़ की यूनिट लगेंगी, जबकि एंकर यूनिट के लिए कुछ बड़े साइज वाली जमीन उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिए जल्द ही एविएशन मैन्युफैक्चरिंग स्कीम लाई जाएगी, जिसमें हवाई जहाज की असेंबलिंग, इंजन, नोजल व अन्य इक्विपमेंट्स बनाने वाली कंपनियां अपनी इकाइयां स्थापित करेंगी। कई कंपनियों के साथ अमेरिकी दूतावास के जरिये बातचीत हो चुकी है।
अरुणवीर सिंह ने बताया कि कैबिनेट ने हाल ही में एफडीआई पॉलिसी जारी की है। इसके तहत विदेशी कंपनियों को 75 फीसदी जमीन सब्सिडी दी जाएगी।