Saturday, July 27

फर्जी पासपोर्ट में निगम, पुलिस और बैंक अधिकारियों पर मुकदमा

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मेरठ 02 मई (प्र)। लारेंस बिश्नोई गिरोह के गुर्गों के विदेश भाग जाने के पीछे कंकरखेड़ा पुलिस, नगर निगम और बैंक अधिकारियों की लापरवाही सामने आई है। राजस्थान की बीकानेर पुलिस ने आरोपितों के पासपोर्ट बनवाने में मदद करने वाले राजू वैद्य के अलावा कंकरखेड़ा पुलिस, नगर निगम और बैंक के अधिकारियों के खिलाफ दूसरा मुकदमा दर्ज किया है।

दरअसल, लारेंस के गुर्गों ने नगर निगम से फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनवाकर आधार कार्ड जारी कराया। उसके बाद बैंक में खाता खोकर लेन-देन किया। इसके लिए दोनों आरोपित दस दिनों तक शहर में ही रहे। उनके रुकने की व्यवस्था भी राजू ने की थी । चार अप्रैल को लारेंस बिश्नोई गैंग के गैंगस्टर रोहित गोदारा ने श्री डूंगरगढ़ के मोमासर बास निवासी व्यापारी जुगल तावणिया से मोबाइल पर पांच करोड़ की रंगदारी मांगी थी। बीकानेर की एसपी तेजस्वनी गौतम ने बताया कि रंगदारी वसूलने के लिए रोहित ने राहुल कुमार पुत्र चेतन लाल और महेंद्र कुमार पुत्र खजोहर लाल निवासी श्री डूंगरगढ़ बीकानेर को तैयार किया था।

जांच में सामने आया कि दोनों आरोपित कंकरखेड़ा के श्रद्धापुरी स्थित फर्जी पते पर पासपोर्ट तैयार कराकर विदेश भाग गए। फर्जी कागजात पर पासपोर्ट तैयार कराने वाले कंकरखेड़ा की सुभाषपुरी निवासी राजू वैद्य को पांच दिन के रिमांड पर लेकर साक्ष्य जुटाए गए। उसके बाद बुधवार को रिमांड पूरा होने के बाद राजू को जेल भेज दिया गया। साथ ही बीकानेर की फतेहपुर कोतवाली में दूसरा मुकदमा दर्ज किया गया, इसमें राजू वैद्य को मुख्य आरोपित बनाया है। उसके साथ कंकरखेड़ा पुलिस, नगर निगम मेरठ और बैंक अफसरों को भी आरोपित बनाया गया है। नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. गजेंद्र सिंह का कहना है कि मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।

दस दिन कंकरखेड़ा में छिपे रहे लारेंस के गुर्गे
मार्च में राहुल और महेंद्र राजस्थान से मेरठ आए थे। उन्होंने सबसे पहले राजू से मिलकर नगर निगम से फर्जी जन्म प्रमाण पत्र तैयार कराए उसके बाद आधार कार्ड बनवाया। फिर बैंक में खाता खोला और पासबुक हासिल की। इस काम में दस दिनों का समय लगा। राजू ने बताया कि कंकरखेड़ा पुलिस को मोटी रकम देकर जांच रिपोर्ट कार्यालय में ही बैठकर लगवा दी गई थी।

लारेंस गिरोह के गुर्गों के पासपोर्ट में लगे कागजातों की जांच करने में कंकरखेड़ा पुलिस फंस गई है। उसके बाद भी स्थानीय अधिकारियों ने इंस्पेक्टर और रिपोर्ट लगाने वाले दारोगा पर कोई कार्रवाई तक नहीं की है, जबकि राजस्थान पुलिस के पहुंचने पर कंकरखेड़ा थाने के पुलिसकर्मी ड्यूटी छोड़कर भाग गए थे। एडीजी डीके ठाकुर ने बताया कि आईजी नचिकेता झा पूरे प्रकरण को देख रहे थे। उन्होंने एसएसपी को इस प्रकरण में जांच कराने के आदेश दिए हैं। पूरे मामले में क्या जांच हुई है, इसकी रिपोर्ट गुरुवार को मंगा ली जाएगी।

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