मेरठ 09 दिसंबर (प्र)। मेरठ विकास प्राधिकरण के खिलाफ मुख्यमंत्री को मनोज चौधरी द्वारा एक शिकायती पत्र भेजा गया। जिसमें मुख्य रूप से मेरठ विकास प्राधिकरण के जोन-ए 1 के अन्तर्गत घनी आबादी एवं तंग गलियों वाले पुराने क्षेत्रों में जैसे-शहर सराफा बाजार, कागजी बाजार, उठेरवाड़ा, लाला का बाजार, नील की गली, पत्थरवालान, जत्थीवाड़ा, खैरनगर आदि में पिछले दो-तीन वर्षों से एवं वर्तमान में भी सौ, डेढ़ सौ सालों से भी अधिक प्राचीन, पुराने आवासीय भवनों कों पहले तोड़कर फिर उनके ऊपर अवैध कमर्शियल काम्प्लेक्स, दुकानों के अवैध निर्माण की आई बाढ़ एवं इससे लोगों की जान-माल के ऊपर उत्पन्न खतरों एवं शहर के बदले जा रहे भगोलिक स्वरूप को खत्म करने के प्रयासों से वर्तमान में एवं भविष्य में लोगों को होने वाली गम्भीर परेशानियों, समस्याओं के अति गम्भीर विषयों का संज्ञान लिए जाने की मांग की। पत्र में बताया कि 2022 को उच्च न्यायालय इलाहाबाद के समक्ष रखा गया। जिसकी वर्तमान में भी उच्च न्यायालय में सुनवाई जारी है।
सुनवाई होने के दौरान भी अवैध निर्माणकर्ताओं द्वारा लगातार सौ, डेढ़ सौ साल से भी अधिक प्राचीन, पुराने आवासीय भवनों को तोड़कर फिर उनके ऊपर अवैध व्यवसायिक निर्माण लगातार लगातार जारी हैं। अवैध निर्माण करने वालों को उच्च न्यायालय का भी डर नहीं है और मेरठ विकास प्राधिकरण केवल दिखावटी कागजी कार्रवाई करते हुए इस खेल का चुपचाप तमाशा देख रहा है। उसका पूर्ण समर्थन अवैध निर्माणकर्ताओं को है मेरठ विकास प्राधिकरण इन अवैध निर्माकतार्ओं को क्यों संरक्षण दे रहा है, समझ से परे है। व्यवसायिक निर्माण पर कोई भी नक्शे मेरठ विकास प्राधिकरण से पास नहीं कराये जा रहे हैं। भविष्य में लोगों की जान को खतरे में डालने का प्रयास लगातार किया जा रहा है। जिसके लिए मेरठ विकास प्राधिकरण लापरवाही बरत रहा है। मेरठ विकास प्राधिकरण के साथ हुए इनके अवैध गठजोड़ की भी जांच करने के आदेश पारित करने की मांग की।