Saturday, July 27

डॉ. आकाश बंसल लंदन में यूरोलॉजी सर्जन के सलाकार प्रोफेसर व डॉ. प्राची बंसल की नियुक्ति पर डॉ. एमके बंसल व अर्चना बंसल को अपने दे रहे हैं बधाई

Pinterest LinkedIn Tumblr +

मेरठ, 11 अक्टूबर (विशेष प्रतिनिधि) देश के गांवों में प्रचलित कहावत जैसा खावे अन्न वैसा हो जाए मन। जैसी मां बाप की सोच वैसे बच्चों को मिले संस्कार अगर ध्यान से देखें तो आज भी कई मामलों में अक्षर अक्षर सामने उभरकर आते हैं। इसके उदाहरण के रूप में हम कठिन परिस्थितियों आर्थिक तंगी के बावजूद उप्र सीपीएमटी में प्रदेश में तीसरा स्थान प्राप्त कर मेरठ मेडिकल कॉलेज से डॉक्टरी पढ़ पिछले 45 साल से निरंतर मेरठ के सदर बाजार के तिलक पार्क में अपना क्लीनिक चला रहे डॉ. एमके बंसल को देखा जा सकता है। 1983 में डॉक्टरी की पढ़ाई कर सेना में कैप्टन के रूप में चिकित्सक नियुक्त हुए और बाद में वहां से सेनानिवृति लेकर कुछ दिनों बाद गरीबों की सेवा की भावना से अपना क्लीनिक शुरू करने वाले डॉ. एमके बंसल की प्रसिद्धि और ख्याति का यह हाल है कि लोग दूर दूर से उनसे दवाई लेने आते हैं और पुराने मरीज जो बाहर चले गए वो वहीं से फोन के माध्यम से उनसे इलाज की सलाह लेने में नहीं चूकते है। मामूली सी फीस और दवाई फ्री देने वाले डॉक्टर बंसल ईमानदारी से अपना चिकित्सक का पेशा चलाने के साथ ही समाज और धार्मिक क्षेत्रों में भी महत्वपूर्ण योगदान देने में लगे हैं। पूर्व में वो आईएमए यूपी के अध्यक्ष तो मेरठ के काली पलटन मंदिर की प्रबंध कमेटी के अध्यक्ष और वर्तमान में आईएमए की राष्ट्रीय स्तर पर एक्शन कमेटी के कॉ चेयरमैन के साथ ही समाजसेवी संगठन आरकेबी फाउंडेशन, सोशल मीडिया एसोसिएशन सहित सनातन धर्म कन्या इंटर कॉलेज के माध्यम से शिक्षा के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। अपनी मृदभाषी और मिलनसार पत्नी अर्चना बंसल के सहयोग से अपने बेटे डॉ. आकाश बंसल और बेटी डॉ. प्रिंसी बंसल को दी गई अच्छी शिक्षा का परिणाम यह रहा कि बेटी भी डॉक्टर और दामाद पंकज राठौर भी डॉक्टर के रूप में काम कर रहे है। बेटे आकाश बंसल ने सफलता के सभी रिकॉर्ड तोड़े। सेंट मेरी स्कूल में हर क्लास में टॉप रहे 2005 में इंटर की परीक्षा में एक साथ आईआईटी और चिकित्सा दोनों की परीक्षाएं अच्छे नंबरों से पास की। परिणामस्वस्वरूप देश के नामचीन कॉलेजों में प्रवेश का ऑफर मिला और उन्होंने इंजीनियरिंग छोड़ने का निर्णय लेकर पिता के नक्शेकदम पर चल सेवा भाव का रास्ता चुना। उन्होंने बीएचयू बनारस को चुना और वहां से पढ़ाई की और यूरॉलॉजिस्ट की पढ़ाई केजीएमयू से कर एमसीएच किया और उसके बाद यूरोलॉजी में डीआरएनबी (डॉक्टरेट) की डिग्री प्राप्त की। लखनऊ के बड़े मेडिकल में सेवाएं देने के बाद पिछले काफी समय से वो मेरठ मेडिकल कॉलेज में अस्सिटेंट प्रोफेसर के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे थे। अब यूरोलॉजी के सलाहकार प्रोफेसर के रूप में लंदन के जॉर्ज इलियट मेडिकल यूनिवर्सिटी में बीती 22 सितंबर से अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इसके साथ ही लंदन से यूरोलॉजी में एफआरसीएस भी करेंगे। उनकी धर्मपत्नी डॉक्टर प्राची बंसल भी एलएनडी मेडिकल यूनिवर्सिटी में अपनी सेवा दे रही हैं। बताते हैं कि फिलहाल दो साल के लिए नई चिकित्सा पद्धति और इलाज के नए तरीके सीखने और इससे संबंध पढ़ाई करने हेतु अपने बेटे अनव बंसल व बेटी अविका के साथ लंदन में कार्यरत हैं। बीते दिनों डॉक्टर एमके बंसल व उनकी धर्मपत्नी अर्चना बंसल भी उनके साथ कुछ समय गुजार और उनकी रहने की व्यवस्था कर मेरठ लौटे। यहां आने पर उन्हें इस उपलब्धि के लिए बधाई और शुभकामनाएं देने वालों का सिलसिला निरंतर जारी है। मजीठियां बोर्ड यूपी के पूर्व सदस्य अंकित बिश्नोई, तिलक पुस्तकालय व वाचनालय के सचिव वरिष्ठ राजनेता समाजसेवी चौधरी यशपाल सिंह, अंतराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त रोटेरियन श्री गजेंद्र सिंह धामा, पदमश्री डॉ. रविंद्र कुमार, ऑल इंडिया न्यूज पेपर एसोसिएशन आईना के राष्ट्रीय अध्यक्ष रवि कुमार बिश्नोई, विद्या नॉलेज पार्क के चेयरमैन प्रदीप जैन, काली पलटन मंदिर समिति के अध्यक्ष सतीश सिघल, कौमी एकता संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष भाजपा, व व्यापारी नेता संदीप गुप्ता ऐल्फा , दवा व्यापारी रजनीश कौशल आदि बधाई देने वालों में अग्रणीय बताए गए।

Share.

About Author

Leave A Reply