नई दिल्ली 11 मार्च। खेल मंत्रालय ने मंगलवार को भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) पर लगा निलंबन वापस ले लिया. जिससे उनके लिए घरेलू प्रतियोगिताओं के आयोजन और अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं के लिए राष्ट्रीय टीमों के चयन का रास्ता साफ हो गया. मंत्रालय ने अंडर-15 और अंडर-20 राष्ट्रीय चैंपियनशिप की जल्दबाजी में घोषणा करने के कारण 24 दिसंबर 2023 को डब्ल्यूएफआई को निलंबित कर दिया था.
संजय सिंह के नेतृत्व वाली समिति ने 21 दिसंबर, 2023 को डब्ल्यूएफआई का चुनाव जीता था, लेकिन पूर्व डब्ल्यूएफआई प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के गढ़ गोंडा के नंदिनी नगर में राष्ट्रीय चैंपियनशिप के लिए स्थल के चयन से सरकार नाराज थी. मंत्रालय ने अपने आदेश में कहा कि डब्ल्यूएफआई ने सुधारात्मक कदम उठाए हैं, इसलिए उसने निलंबन हटाने का फैसला किया है.
वहीं अब मंत्रालय ने अपने आदेश में कहा है कि WFI ने अपनी वर्किंग और सिस्टम में सुधार किया है, इसलिए निलंबन हटाने का फैसला किया गया है। इससे पहलवानों को बड़ा फायदा होगा। सीनियर पहलवान जहां इंटरनेशनल टूर्नामेंट के ट्रायल दे पाएंगे, वहीं जूनियर पहलवान स्टेट लेवल पर खेलने के लिए ट्रायल दे सकेंगे।
बता दें कि महासंघ के पूर्व प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह पर 7 महिला पहलवानों का यौन शोषण करने का आरोप लगा था। आरोपी की गिरफ्तारी के लिए जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन हुआ था। इस दौरान जो बवाल हुआ था, वह पूरे देश और दुनिया ने देखा था। देश और दुनियाभर में उस घटनाक्रम की निंदा हुई थी। बृजभूषण के पद से हटाने की मांग उठी। दिसंबर 2023 में हुए महासंघ के चुनाव को रद्द करने और नई नियुक्तियों को अवैध करार देने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई। इसके बाद 21 दिसंबर 2023 के फिर से चुनाव हुए और बृजभूषण के सहयोग संजय सिंह को प्रमुख बना दिया गया।