कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष अजय राय फरमा रहे हैं कि रोजगार की बजाय राशन बांट रही है सरकार। यूपी जोड़ा यात्रा के दौरान एक सभा को संबोधित करते हुए कहे गए उक्त शब्द अगर देखें तो पूरी तौर पर अटल सत्य है लेकिन अजय राय के मुंह से इनका उच्चारण ग्रामीण कहावत औरों को उपदेश बहुतेरे या हम तो सबकुछ करेंगे लेकिन तुम्हें भाषण देंगे के समान ही है। क्योंकि कांग्रेस शासित प्रदेशों में भी लगभग ऐसा ही सरकारें कर रही है जिसे लेकर यूपी कांग्रेस अध्यक्ष भाजपा पर सवाल उठा रहे हैं।
मगर एक बात जरूर है कि कोई सा भी राजनीतिक दल हो जहां जहां उनकी सरकार हैं अगर वो वहां सबकुछ कर रहे हो तो हो सकता है कि यह एकदम लगे कि यह जरूरतमंदों की मदद है लेकिन सही मायनों में यह ऐसी सोच सरकारें विकसित कर रही हैं जिनका भविष्य में अच्छा परिणाम निकलकर सामने नहीं आएगा। इसके उदाहरण के रूप में हम विभिन्न प्रकार की शुरू से ही जा रही निःशुल्क सुविधाओं को देख सकते हैं जब भी उन्हें समाप्त करने की बात होती है देशभर में बवाल खड़ा होने लगता है। अगर ऐसे में सही तो नहीं पता लेकिन जो मौखिक चर्चाओं से सुनने को मिलता है देश की आधी आबादी को मुफ्त राशन और अन्य सुविधाएं जो दी जा रही है भले ही उनका काफी प्रतिशत बिचौलिये खा जाते हों मगर जिनको मिल रहा है जब यह लाभ बंद होंगे तो इस खतरे से इनकार नहीं किया जा सकता कि भले ही कुछ समय के लिए हो लेकिन अराजकता का माहौल देश में पैदा हो सकता है। अगर कोई कहे कि ऐसा नहीं होगा तो 50 प्रतिशत घरों का अवलोकन कर लिया जाए तो पता चलेगा कि ज्यादातर परिवारों में बाप की कमाई के बंटवारे और मिलने वाले हिस्से में थोड़ा सा भी फर्क रहता है तो एक ही मां के बच्चे जो एक ही घर में रहकर बड़े हुए एक दूसरे के खून के प्यासे हो जाते हैं। अब यह अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है कि जब परिवारों में यह हो सकता है तो सरकार बिना कुछ करे मुफ्त में पालने की व्यवस्था कर रही है।
मेरा मानना है कि इस व्यवस्था को लेकर भविष्य में होने वाली परेशानियों की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए केंद्र व प्रदेशों की सरकारें जरूरतमंद व्यक्तियों को हरसंभव सहायता उपलब्ध कराते हुए इन परिवारों के बच्चों को शिक्षित बनाने और रोजगार उपलब्ध कराने में मदद करें, वो ज्यादा अच्छा है।
सरकार जरूरतमंदों को उपलब्ध कराएं सभी सुविधाएं, मुफ्त की रेवड़ियां बांटना करें बंद
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