मेरठ 27 अप्रैल (प्र)। अवैध निर्माणों पर रोक लगाने हेतु बीते दिनों इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा अवैध निर्माणों के होने वाले समन की प्रक्रिया पर रोक लगाई जिसके बाद यूपी के चीफ सेकेट्री ने भी जिले के सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों को ऐसे आदेश भेज कि अवैध निर्माणों को समन न किया जाए। लेकिन लगता है कि आवास विकास के अधिकारियों को या तो ये बात पता नहीं चल पाई या उच्च स्तर पर हुए आदेशों का वो महत्व नहीं समझते है। वर्ना चित्र में गढ़ रोड़ पर टाटा शोरूम के सामने हुआ नजर आ रहा पूरी तौर पर यह अवैध निर्माण बनकर तैयार नहीं होता।
आज किसी जागरूक नागरिक द्वारा भेजे गये एक चित्र से यह स्पष्ट हो रहा है कि आवास विकास के स्थानीय अपर आयुक्त और चीफ इंजीनियर या तो अपने क्षेत्र का भ्रमण ही नहीं करते अथवा इस ओर ध्यान नहीं देना चाहते। वर्ना सरकार की सारी निर्माण नीति के विपरीत जाकर बिल्कुल सड़क के किनारे ये निर्माण पूरा नहीं हो पाता। चर्चा है कि इसमें नाले की और कुछ रोड़ बाईडिंग की भी जमीन भी घेरी हुई है। इतना बड़ा कार्मशियल निर्माणकर्ताओं ने बिजली के तार और ट्रांसफामर के बिल्कुल ही निकट यह निर्माण कर लिया। जो कभी भी किसी भी बड़ी दुघर्टना का कारण बन सकता है। जिस स्थिति में यह बना नजर आ रहा है उस स्थिति में इसका मानचित्र तो पास नहीं हो सकता और अगर हो भी तो समन नहीं हो सकता। लेकिन आवास विकास के अधिकारी इसके विरूद्ध कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे है क्या इसके मुर्हुत की दावत खाकर ही स्थानीय अपर आवास आयुक्त व आवास विकास के चिफ इंजीनियर को यह निर्माण नजर आयेगा अथवा कब इनकी आंखे खुलेगी यह विषय चर्चा का बना हुआ है। खबर लिखे जाने तक यह निर्माण किसका है यह तो पता नहीं चला है लेकिन अधिकारी इस ओर से खोमोश क्यों है यह किसी को बताने की आवश्यकता नहीं है।