Saturday, July 27

महेश गिरी के खिलाफ उतरा जैन समाज, रालोद ने दिया जैन समाज को समर्थन

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मेरठ, 18 नवंबर (प्र)। भाजपा नेता और पूर्व सांसद महेश गिरी के खिलाफ पूरा जैन समाज लामबंद है। मेरठ में आज जैन समाज के लोगों ने प्रधानमंत्री के नाम पत्र भेजा है। समाज के लोगों का कहना है कि महेश गिरी जैन समाज को सनातन से अलग करने की साजिश रच रहे हैं। जो हम होने नहीं देंगे। प्रधानमंत्री से महेश गिरी के खिलाफ गँभीर धाराओं में मुकदमा कर एक्शन लेने की मांग की है। कहा अगर महेश गिरी पर एक्शन नहीं हुआ तो जैन समाज बड़ा आंदोलन करेगा।

रालोद कार्यालय पर समाज की बैठक में रालोद राष्ट्रीय सचिव प्रतीक जैन ने कहा कि रालोद जैन समाज को समर्थन देते हैं। गिरनार जी प्रकरण को लेकर भाजपा के पूर्व एमएलए महेश गिरी सहित अन्य लोगों ने जो भी आपत्तिजनक टिप्पणियां की हैं रालोद उसके विरोध में हैं। सरकार ऐसे लोगों को अरेस्ट करे, भाजपा से बर्खास्त किया जाए। साधु, संतों का अपमान या जा रहा है ये कैसा सनातन संस्कृति है। सम्मेद शिखर आंदोलन संरक्षक सुदीप जैन ने कहा कि सरकार इस मामले का संज्ञान ले और जो लोग समाज को लड़ाने का कार्य कर रहे हैं। इस तरह अपमानजनक टिप्पणियां कर रहे हैं उन पर संगीन धाराओं में एक्शन लिया जाए। 2013 में भी हमारे साधु जी पर इसी तरह हमला हुआ था। तो क्या सरकार उस घटना के पुर्नरावृत्ति का इंतजार कर रही है। पूरे मामले में अभी सरकारी या आधिकारिक रूप से किसी ने भी कोई कदम नहीं उठाया। हमारी सुनवाई नहीं हुई तो आगे बड़ा आंदोलन करेंगे।

बताया कि 400 साधुओं ने मिलकर एक बड़ी सभा गत शुक्रवार को हुई है। ज्ञानमती माता के साथ हस्तिनापुर में बैठक हुई है। कवि सौरभ जैन सुमन ने कहा कि महेश गिरी ने गिरनार जी पर्वत पर कब्जा किया हुआ है। सनातन और जैन धर्म के बीच में बड़ी खाई की साजिश रची जा रही है। हम उसका विरोध करते हैं। हमारा अहिंसक आंदोलन है, जैन समाज कभी किसी का अहित करने का सोचता भी नहीं है, हम अपने अर्घ्य में विश्व कल्याण की कामना करते हैं। ऐसे में हमें मारने की धमकी दी जा रही है। यह झगड़ा केवल महेश गिरी के मार्फत हो रहा है। सौरभ जैन सुमन ने कहा कि जैन समाज किसी राजनीतिक दल के विरोध नहीं है बल्कि उस मंशा के विरुद्ध है जिसमें जैन समाज को सनातन से अलग करने की साजिश रची जा रही है। यह कार्य पूर्व भाजपा सांसद महेश गिरी द्वारा गिरनारजी पर आधिपत्य स्थापित कर की जा रही हे। भगवान नेमिनाथ जी जो जैन समाज के 22वें तीर्थंकर हैं नेमिनाथ जी कृष्ण जी के चचेरे भाई हैं। किसी के दादा के मरने से भगवान नेमिनाथ के मोक्ष की तुलना बहुत तुच्छ सोच है।

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