मेरठ 27 मई (प्र)। अस्पतालों में मरीजों की भरमार है, मरीजों की लंबी-लंबी कतारें हैं सेहतमंद रहें भी तो कैसे, हर चीज में मिलावट जो है। ऐसे में कैसे सेहतमंद रह सकते हैं।
इस साल अप्रैल की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) द्वारा लिए गए 70 खाद्य पदार्थों के नमूनों में से 32 नमूने जांच में फेल निकले हैं। इनमें 20 अधोमानक, सात मिथ्या छाप और पांच असुरक्षित हैं।
ये नमूने बेसन, दूध, पनीर, कचरी, सॉस, तेल, नमकीन और मिठाइयों आदि के हैं। कचरी और सॉस में खतरनाक रंग मिलाए गए थे, जबकि दूध और पनीर में अलग से फैट मिलाया गया था। बेसन में भी केमिकल की मिलावट निकली है। मिठाइयों को चमकाने के लिए ज्यादा मात्रा में फूड कलर मिलाया गया था। सरसों के तेल में पाम ऑयल निकला है। मिलावट करने वालों के खिलाफ कोर्ट ने 49 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
मिलावटखोर सुधर नहीं रहे हैं लचर प्रशासनिक कार्यप्रणाली के कारण मिलावटखोरों पर पूरी तरह से शिकंजा नहीं कस पाता है। मिलावट के लगभग सभी मामलों में जुमांना लगता है, सजा नहीं हो पाती है। जिले में पिछले पांच साल में सजा का कोई मामला नहीं है। भारतीय दंड संहिता में मिलावटखोरों पर कड़ी सजा का प्रावधान है, लेकिन मिलावट से संबंधित 90 फीसदी मामले प्रशासनिक कोर्ट में स्थानांतरित हो जाते हैं, जिस कारण वह न्यायालय की कार्रवाई से बच जाते हैं।
मिलावटी खाना सेहत के लिए नुकसानदेह
फिजिशियन डॉ. तनुराज सिरोही ने बताया कि मिलावटी खाने से किडनी और पेट संबंधी रोग हो सकते हैं। ऐसे खाने से दूर रहें। मिलावटी तेल और घी का दिल पर तेजी से असर होता है। धमनियों में चिकनाई जम जाती है। हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
छह माह के कारावास की हो सकती है सजा
जो नमूने असुरक्षित पाए जाते हैं उनमें एफआईआर दर्ज कराई जाती है और एसीजेएम कोर्ट में मुकदमा चलता है। इनमें 6 माह से लेकर आजीवन कारावास तक सजा का प्रावधान है। तीन लाख रुपये तक जुर्माना लगाया जा सकता है। दीपक सिंह, अभिहित अधिकारी, एफएसडीए
यह वसूला गया जुर्माना
साल 2023- 24 एक करोड़ 72 लाख 70 हजार रुपये
साल 2022-23 43 लाख 65 हजार रुपये
साल 2021-22 41 लाख 33 हजार 500 रुपये
साल 2020-21 70 लाख 88 हजार रुपये
साल 2019-20 60 लाख 73 हजार रुपये