मेरठ 30 अगस्त (प्र)। जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र कार्यालय में अव्यवस्था होने पर बृहस्पतिवार को नगर आयुक्त डॉ. अमित पाल शर्मा ने नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. गजेंद्र सिंह को हटा दिया। उनकी जगह पर सहायक नगर आयुक्त शरद पाल को जिम्मेदारी दी गई। बताया गया कि छह महीने पहले आवेदन करने वाले लोग जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए रोजाना चक्कर काट रहे थे प्रमाण पत्र जारी न होने पर रोजाना निगम परिसर में हंगामा होता है। बुधवार को भी पार्षदों ने अधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी की थी।
नगर निगम में जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र जारी न होने को लेकर लोग परेशान हैं। रोजाना हंगामा होने के बावजूद भी निगम में सुधार नहीं है। चर्चा है कि जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र कार्यालय में नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. गजेंद्र सिंह और बाबू दिनेश कुमार के आपसी मतभेद के चलते व्यवस्था बिगड़ी हुई है। बुधवार को अस्थायी कर्मचारी ने काउंटर पर नोटिस चस्पा कर दिया कि जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र मिलने का समय दोपहर 2.30 से शाम 5.00 बजे है। इसे देखकर पार्षदों ने नाराजगी जताते हुए हंगामा किया था। बृहस्पतिवार को नगर आयुक्त अपने कार्यालय में पहुंचे। पार्षदों ने जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र कार्यालय में अव्यवस्था को लेकर नाराजगी जताई। जिस पर नगर आयुक्त ने नगर स्वास्थ्य अधिकारी को जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र कार्यालय से हटा दिया।
जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने की व्यवस्था को लेकर निगम की कार्यशैली पर लगातार सवाल उठ रहे थे प्रमाण पत्र जारी करने में भ्रष्टाचार तो कहीं सिफारिश से बनने की शिकायत नगर आयुक्त तक पहुंच रही थी। सेना के जवान से मारपीट करने की घटना पर राज्यसभा सदस्य डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने भी निगम परिसर में पहुंचकर अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई थी। इसके बावजूद भी व्यवस्था में कोई सुधार नहीं हुआ था। पार्षदों का कहना है कि जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र कार्यालय से बाबू दिनेश कुमार का स्थानांतरण किया जाए, तभी जाकर व्यवस्था सुधरेगी। एक ही पटल पर 14-15 साल होने के चलते बाबू दिनेश कुमार तैनात है। जिस पर लोग सिफारिश लगाकर प्रमाण पत्र जारी कराते हैं।
व्यवस्था सुधार लीजिए, नहीं तो तालाबंदी कर देंगे
भाजपा पार्षद अनिल वर्मा कार्यकर्ताओं के साथ नगर आयुक्त से मिले। पार्षद ने कहा कि जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए छह महीने से लोग निगम में चक्कर काट रहे हैं तीन बार अपर नगर आयुक्त पंकज कुमार से मुलाकात कर चुके हैं, बावजूद इसके सुधार नहीं है। पब्लिक को जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए नगर निगम, सीएमओ और एसडीएम सदर कार्यालय में चक्कर काटने पड़ते हैं पार्षद ने चेतावनी दी कि अगर तीन-चार दिन में व्यवस्था सुधरी नहीं तो नगर निगम में तालाबंदी कर देंगे।
पशु चिकित्सक को नगर स्वास्थ्य अधिकारी का काम
नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. गजेंद्र सिंह ने बताया कि नगर निगम में मेरे पद के हिसाब से कार्य नहीं दिया हुआ है। डीएम व कमिश्नर भी जानते हैं कि पशु चिकित्सक को निगम में नगर स्वास्थ्य अधिकारी का कार्य दिया हुआ है। पशु चिकित्सक ही डेंगू-मलेरिया का छिड़काव कराते हैं। जो जिम्मेदारी नगर स्वास्थ्य अधिकारी के पास होनी चाहिए, वह पशु चिकित्सक को दी हुई है। यह बातें पार्षद भी जानते हैं। जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने के लिए अब रजिस्ट्रार बनाए जाते हैं। इसके बावजूद मैंने दो साल निगम में जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र का कार्य अकेला देखा। साजिश के तहत व्यवस्था बिगड़ी है। काम के हिसाब से न कर्मचारी हैं और कंप्यूटर ऑपरेटर मैं खुद ही नगर आयुक्त के पास गया था और उन्हें बताया कि मेरे पद के हिसाब से कार्य नहीं मिला हुआ है। मैने जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र कार्यालय से हटने की बात उनके सामने रखी। मेरी तैनाती शासन ने की है, वहीं से स्थानांतरण होगा।
रात में अपर नगर आयुक्त ने कराया कार्य
जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र कार्यालय से नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. गजेंद्र सिंह के हटने के बाद बृहस्पतिवार रात में अपर नगर आयुक्त ने कर्मचारियों को लगाकर प्रमाण पत्र बनवाने का कार्य कराया। जो आवेदन पुराने हैं, उनकी जांच कराई गई। देर रात तक निगम में अपर नगर आयुक्त ने बैठकर कर्मचारियों से जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने का कार्य कराया। अपर नगर आयुक्त पंकज कुमार ने बताया कि एक सप्ताह में व्यवस्था सुधारने का प्रयास जारी है।
नगर आयुक्त डॉ. अमित पाल शर्मा का कहना है कि पार्षद शिकायत कर रहे थे। बृहस्पतिवार नगर स्वास्थ्य अधिकारी ने लिखित में मुझे पत्र दिया, जिसमें उन्होंने अपने मूल स्वास्थ्य विभाग में भेजने की मांग रखी। जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करने में लगातार शिकायतें आ रही है। अब सहायक नगर आयुक्त शरद पाल को जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करने की जिम्मेदारी दी है।