मेरठ 06 मार्च (प्र)। लापरवाही की इससे बड़ी इंतहा क्या होगी कि भुगतान तो सीमेंट का लिया जा रहा है और निर्माण में खुलकर मिट्टी का उपयोग किया जा रहा है। सालों से यह खेल चल भी रहा था, लेकिन अगर जांच न होती तो न दूध का दूध और न पानी का पानी हो पाता। जब पोल खुली तो ठेकेदार के भुगतान में कटौती की गई है तथा पुनः निर्माण के आदेश भी जारी किये गये हैं।
नगर निगम द्वारा शहर में सड़कों का निर्माण कराया जा रहा है। ठेकेदारों के मार्फत इन सड़कों का निर्माण हो रहा है। ठेकेदारों को निर्माण के मानक समझा दिये गये हैं तथा उन्हें यह भी बताया गया है कि निर्माण में गुणवत्ता का पालन करना है। लेकिन कमीशन के चक्कर में ठेकेदार खुलकर लूट करने में लगे हैं। निगम के अधिकारियों की शह पर वह पैसा बचाने के चक्कर में गोलमाल कर रहे हैं। नगर निगम द्वारा शास्त्रीनगर आई ब्लाक में चाणक्यपुरी रोड से अम्बेडकर पार्क होते हुए आई 16 तक सड़क का निर्माण कराया जा रहा है। मंगलवार को निर्मित करायी जा रही सीसी सड़क व साइड पटरी का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के समय साइड पटरी उखड़वायी गयी। जिसमें मानक के अनुसार रेत व मिट्टी कम पायी गयी। ठेकेदार को यहां सीमेंटेड सड़क बनानी थी। लेकिन उसने सड़क में मिट्टी भरकर काम चला दिया तथा उपर से सीमेंट की धुलाई कर दी। जिससे ऐसा प्रतीत हो कि नीचे तक सीमेंटेड सड़क है।
निरीक्षण में जब सड़क को साइड से उखड़वाकर देखा गया तो पूरी पोल खुलकर सामने आ गई। इसपर संबंधित सहायक अभियन्ता राजवीर सिंह व अधिशासी अभियन्ता अमित कुमार से कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए अवर अभियन्ता पदम सिंह, सहायक अभियन्ता राजवीर सिंह से स्पष्टीकरण मांगा गया। इसके साथ ही यह भी निर्देशित किया गया कि उक्त रोड पर लगायी गयी सभी इन्टरलोकिंग टाइल्स उखड़वाकर मानकानुसार पुन लगवायी जाये। निर्माण में लापरवाही बरतने पर ठेकेदार के भुगतान में प्रतिशत की कटौती की गई तथा उसे पुनः निर्माण करने के लिए कहा गया है। इसके उपरान्त शास्त्रीनगर में पीवीएस मॉल से आबु नाले तक निर्मित कराये जा रहे आरसीसी नाले का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के समय नाले की फिनिशिंग न होने व कार्य की गुणवत्ता सही नहीं पाये जाने पर यहाँ पर भी कार्य की कुल धनराशि में से 5 प्रतिशत की कटौती करने व कार्य सही प्रकार से कराने के लिए संबंधित अधिशासी अभियन्ता अमित शर्मा को निर्देशित किया गया।