लखनऊ, 11 नवंबर। शासन ने सार्वजनिक क्षेत्र के भवनों जैसे होटल, माल, अस्पताल, बहुमंजिली रिहाइशी भवनों, बहुमंजिली कार्यालय भवन आदि को अस्थाई-स्थाई बिजली कनेक्शन दिए जाने से पहले अनिवार्य रूप से सुरक्षा आडिट कराने का आदेश जारी किया है। इसके लिए संबंधित अधिशासी अभियंता व विद्युत सुरक्षा निदेशालय के अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की गई है।
यह आदेश अपर मुख्य सचिव ऊर्जा महेश गुप्ता ने जारी किया है। चेयरमैन पावर कारपोरेशन, प्रबंध निदेशक पावर कारपोरेशन, निदेशक विद्युत सुरक्षा के साथ ही सभी कमिश्नर व डीएम को इस आशय का पत्र भेजा है।
एनओसी के बगैर कनेक्शन नहीं अपर मुख्य सचिव ने लिखा है कि सार्वजनिक क्षेत्र के अधिक फुटफाल वाले भवनों जैसे होटल, माल, अस्पताल, बहुमंजिली रिहाइशी भवनों, बहुमंजिली कार्यालय भवन के मामले में संबंधित एक्सईएन विद्युत सुरक्षा विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र मिल जाने के बाद ही कनेक्शन देंगे।
ऐसे भवनों को सूचीबद्ध करेंगे निदेशक विद्युत सुरक्षा निदेशक विद्युत सुरक्षा का यह दायित्व होगा कि वह संबंधित जोन के सहायक निदेशक विद्युत सुरक्षा के माध्यम से ऐसे सभी भवनों का विवरण संबंधित एक्सईएन से प्राप्त कर सूचीबद्ध करेंगे। सूचीबद्ध विवरण के आधार पर इस तरह के प्रतिष्ठानों को नोटिस जारी कर यह पूछेंगे कि निर्धारित निरीक्षण अंतिम बार कब किया गया था। ऐसे भवन जिनका निरीक्षण तीन साल से नहीं हुआ है, उनका सक्षम प्राधिकारी से निरीक्षण कराने के लिए नोटिस सहायक निदेशक विद्युत सुरक्षा द्वारा जारी किया जाएगा। निरीक्षण के लिए संबंधित पदाधिकारी को सूचित भी करेंगे। निरीक्षण शुल्क संबंधित उपभोक्ता से लिया जाएगा। निरीक्षण में विद्युत सुरक्षा के संबंध में कोई गंभीर बात सामने आती है तो संबंधित विद्युत उपभोक्ता को उस कमी को दूर करने के लिए एक माह का समय दिया जाएगा। इस अवधि में कमी दूर नहीं होने पर संबंधित एक्सईएन उक्त भवन का बिजली कनेक्शन काट देंगे।