मेरठ 23 नवंबर (प्र)। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने दो टूक कह दिया है कि विधायक अतुल प्रधान के एफआईआर वापस नहीं ली जाएगी। वहीं, दूसरी ओर जानकारों का कहना है कि एफआईआर वापस न लिए जाने तथा समझौता न होने की वजह से विधायक की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। हॉस्प्टिल बोर्ड आॅफ इंडिया के प्रांतीय सचिव डा. शिशिर जैन ने जानकारी दी कि विधायक कई दिन से संपर्क का प्रयास कर रहे थे।बुधवार की सुबह उनके साथ मिटिंग तय होने खबर मिलने के बाद वह आईएमए पहुंचे। वहां पर बातचीत की शुरुआत हुई। बातचीत में विधायक से दो टूक कह दिया गया कि जो एफआईआर उनके खिलाफ की गयी है वह वापस नहीं ली जाएगी। आईएमए इस विवाद में कहीं नहीं। यह न्यूटिमा व विधायक के बीच का विवाद है।
सरधना विधायक अतुल प्रधान व आईएमए के पदाधिकारियों के बीच जिन मुद्दों पर चर्चा हुई उनमें बगैर पंजीकरण के चल रहे पैथॉलोजी सेंटरों को लेकर सीएमओ से वार्ता पर सहमति बनी। इसके अलावा चिकित्सकों से अभद्रता का पुरजोर विरोध किए जाने। विधायक की ओर से न्यूटिमा के खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई जारी रखने तथा मीडिया में अनर्गल बयानबाजी न किए जाने पर भी सहमति हुई।
बिल संबंधित कोई शिकायत होने पर किसी भी अस्पताल में लाव-लश्कर के साथ न जाने तथा मामले से पहले आईएमए के ग्रिवेन्स सेल को अवगत कराए जाने के लिए भी दोनों पक्ष सहमत हुए। डा. शिशिर जैन ने बताया कि यदि किसी भी चिकित्सक के साथ अभद्रता की जाएगी तो उसका पुरजोर विरोध आईएमए करेगा। यदि किसी से कोई शिकायत है कि ग्रिवेन्स सेल से संपर्क करें। बार कोड का जो मामला हैउसे स्पष्ट किया कि वह मानक के अनुकूल है, जिसमें मरीज को दवा पूरी लिस्ट मूल्य सहित खरीदने से पहले दी जाती है। विधायक से साथ हुई वार्ता में डा. शिशिर जैन, आईएमए के अध्यक्ष डा. संदीप जैन, सचिव डा. तरुण गोयल, डा. वीपी सिंहल, डा. ऋषि भाटिया, डा. सुमित उपाध्याय, डा. अमित जैन, डा. नवनीत गर्ग, डा. आशीष जैन, अतुल प्रधान के कुछ साथी भी मौजूद रहे।
आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने बुधवार को कहा कि न्यूटिमा प्रकरण उत्तर प्रदेश में सत्ताधारी पार्टी द्वारा पुलिस और प्रशासन को दबाव में लेकर लगातार गलत काम कराए जाने का एक और उदाहरण है। उन्होंने कहा कि इस मामले में उपलब्ध समस्त साक्ष्य इस बात को प्रमाणित कर देते हैं कि अस्पताल द्वारा एक गरीब रोगी से बढ़ चढ़ कर पैसे लिए गए और विधायक अतुल प्रधान के हस्तक्षेप पर पैसे वापस दिए गए।
सीसीटीवी रिकॉर्डिंग से यह भी साबित हो जाता है कि मामले में कहीं भी कोई हिंसात्मक कार्रवाई नहीं हुई। इन्हीं तथ्यों के आधार पर पहले फाइनल रिपोर्ट लगाई गई किंतु बाद में अस्पताल प्रशासन और सत्ताधारी पार्टी के कुछ बड़े नेताओं के दबाव में पुलिस ने अपनी स्वयं की फाइनल रिपोर्ट को खारिज कर जबरदस्ती चार्ज शीट लगाया। इसके विपरीत इस मामले में अस्पताल पर मापकों के विपरीत निर्माण करने, मेडिकल रेगुलेशन की धज्जियां उड़ाने, दवा लिखने में विभिन्न प्रकार की अनियमितता, काफी बढ़-चढ़कर फीस लेने आदि के आरोपों को अब तक जानबूझकर नजरअंदाज किया गया है। अमिताभ ठाकुर ने कहा कि यह यह पूरा घटनाक्रम मौजूदा भाजपा सरकार में पुलिस प्रशासन द्वारा अतीत अनुचित दबाव में निदोर्षों को फंसाने तथा वास्तविक गुनहगारों को मदद करने का एक और उदाहरण है। उन्होंने कहा कि आजाद अधिकार सेना इस मामले में पूरी तरह अतुल प्रधान के साथ खड़ी है और व्यापक जनहित के इस आंदोलन में हर स्टेज पर उनके साथ खड़ी रहेगी।
वहीं चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के गेट हाउस में बुधवार को कई छात्र संघ के नेताओं ने सरधना सपा विधायक अतुल प्रधान के समर्थन में बैठक की। जिसमें यह निर्णय लिया गया है कि पुलिस प्रशासन द्वारा दर्ज एफआइआर को वापस लिया जाए और अनियमिताओं के कारण न्यूटिमा अस्पताल के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए। उन्होंने चेतवानी दी है कि अगर समय रहते निष्पक्ष कार्रवाई ना हुई तो छात्र सड़को पर उतर कर अस्पताल के खिलाफ हस्ताक्षर अभियान चलाएगा और आमजन को जागरूक करेगा।