Sunday, December 22

निगम कर्मचारियों की सेवा पुस्तिका गायब करने वालों पर अफसर मेहरबान

Pinterest LinkedIn Tumblr +

मेरठ 21 नवंबर (जन)। नगर निगम में लापरवाही की हद एवं लापरवाह लिपिकों पर मेहरबानी दोनों ही मामले इन दिनों बेहद चर्चा के विषय बने हुए हैं। कई स्थाई सफाई कर्मचारियों की सेवा पुस्तिका समेत कई महत्वपूर्ण फाइलें निगम कार्यालय से गायब हो चुकी हैं। जांच के नाम पर केवल खानापूर्ति कर दोषी लिपिकों को बचा लिया जाता है। जबकि जिन कर्मचारियों की सेवा-पुस्तिका गायब हो गई हैं, ऐसे कर्मचारी बेहद परेशान हैं।

जिसमें उनके सेवानिवृत होने से लेकर पेंशन एवं आश्रित कोटे से परिवार के दूसरे सदस्य को नगर निगम में रखा जा सके। वहीं, दूसरी जगह कई ऐसी फाइलें गायब हैं, जिसमें कई अधिकारी की गर्दन फंस सकती है और कई निर्दाेषों पर लटकी कार्रवाई की तलवार हट सकती है। फिलहाल नगर निगम में एक कर्मचारी का 31 दिसंबर को रिटायरमेंट होना है। उसकी फाइल अपर नगरायुक्त के कार्यालय से ही गायब हो गई।
नगर निगम में स्वास्थ्य विभाग में स्थाई सफाई कर्मचारी के रूप में कार्यरत सुदर्शन पुत्र देवीशरण का 31 दिसंबर को रिटायरमेंट हैं। जिसमें उसकी सेवा-पुस्तिका में जन्मतिथि को लेकर जांच चल रही है। इसमें डीएम कार्यालय में शिकायत के बाद उक्त जांच के लिए सेवा-पुस्तिका स्वास्थ्य विभाग से अपर नगरायुक्त कार्यालय में भेजी गई। जिसमें वह फाइल वहीं से गायब हो गई, जिसकी गुपचुप तरीके से जांच चलती रही, लेकिन वह नहीं मिल सकी। जबकि रिटायरमेंट से कम से कम दो तीन महीना पूर्व कर्मचारी को पेंशन एवं फंड आदि के लिए फाइल को पूरा कराना होता है,

लेकिन नगर निगम में नियम ताक पर रखते हुए लिपिक द्वारा रिटायरमेंट होने वाले कर्मचारी को रिटायरमेंट होने के चंद दिन पहले तक भी नहीं बताया जाता। एक ऐसा ही मामला वार्ड-58 के कर्मचारी श्यामलाल के रिटायरमेंट के समय देखने को मिला उसका रिटायरमेंट होने के तीन महीने बाद उसे अपने रिटायरमेंट का पता चल सका। जिसमें उसको तीन महीने बाद विधिवत तोर पर रिटायरमेंट किया गया था। वहीं 31 दिसंबर को रिटायरमेंट होने वाले सुदर्शन की फाइल भी गायब बताई जा रही है। जिसमें फाइल को गायब करने में एक लिपिक की भूमिका की चर्चा चल रही हैं।

जिसमें पूर्व में भी वह लिपिक चूना घोटाले की फाइल गायब करने एवं नगर निगम के सफाई कर्मचारियों की चार वर्ष से वर्दी नहीं मिलने के मामले में फाइल गायब करने के मामले में उसका नाम चर्चा में रहा। इस तरह का निगम में वह अकेला ही लापरवाह एवं अधिकारियों का चहेता लिपिक नहीं है, न जाने और भी नाम इस कड़ी में शामिल हैं। निगम में जो लिपिक जितना विवादों में रहता है। वह उतना ही अधिकारियों का चहेता भी होता है। तभी तो ऐसे लिपिक पर निगम कार्यवाई करने की जगह अच्छे पटल पर उसकी तैनाती करते हैं।

नगर निगम के निर्माण विभाग में भी ठेकेदारों की फाइल गायब होने व कई-कई वर्षों के बाद मिलने के मामले चर्चा में रहे हैं। निगम के स्वास्थ्य विभाग में स्थाई कर्मचारी के रूप में कार्यरत रहे, आशीष, भूप सिंह, सुभाष समेत एक दर्जन से अधिक कर्मचारियों की फाइलों के गायब होने की चर्चाएं हैं। फिलहाल गायब फाइलों की तलाश जारी है, जिसमें ऑडिट विभाग भी ऐसी फाइलों की तलाश करा रहा है।

Share.

About Author

Leave A Reply