Monday, December 23

अक्षय तृतीया पर अबूझ मुहूर्त में नहीं गूंजेगी शहनाई, जुलाई में पांच दिन होंगे विवाह

Pinterest LinkedIn Tumblr +

मेरठ, 08 मई (प्र)। अक्षय तृतीया (10 मई) पर अबूझ मुहूर्त में इस बार शहनाई नहीं गूंजेगी। बैंडबाजा नहीं बजेगा। वर्षों बाद इस बार ऐसा हो रहा है। इसका कारण गुरु और शुक्र ग्रह का अस्त होना है। वहीं, सूर्य अपनी उच्च राशि मेष में और चंद्रमा वृष में उच्चस्थ हैं। इसलिए सोने सहित अन्य आभूषणों या वस्तुओं की खरीदारी की जा सकती है। गुरु ग्रह छह मई को अस्त हुए थे। वह अब 2 जून को उदित होंगे। शुक्र ग्रह 24 अप्रैल को अस्त हुए थे। वह अब सात जुलाई को उदित होंगे।

इंडियन काउंसिल ऑफ एस्ट्रोलॉजिकल साइंस के सचिव आचार्य कौशल वत्स ने कहा कि विवाह मुहूर्त में गुरु और शुक्र के अस्त का भी विचार किया जाता है। अच्छा शुक्र भोगविलास का नैसर्गिक कारक है। यह दांपत्य सुख को दर्शाता है। गुरु कन्या के लिए पति सुख का कारक है। आचार्य मनीष स्वामी ने बताया दोनों ग्रहों का शुभ विवाह हेतु उदय होना शास्त्र सम्मत है। इनके अस्त रहने पर विवाह नहीं होते हैं। ज्योतिष शास्त्र में विवाह के लिए कुंडली मिलान, गुण दोष मिलान किया जाता है। इसके अलावा गुरु और शुक्र को विवाह का कारक ग्रह माना जाता है। आकाश मंडल में गुरु और शुक्र ग्रह उदित हों तो ही विवाह के शुभ मुहूर्त होते हैं। यदि ये ग्रह अस्त हों तो विवाह के लिए मुहूर्त नहीं होता।

पंडित भारत ज्ञान भूषण ने बताया कि अक्षय तृतीया पर खरीदारी में कोई अड़चन नहीं है। ज्योतिषाचार्य विनोद त्यागी ने बताया कि गुरु व शुक्र तारा उदित होने के बाद ही अब 9 जुलाई से विवाह समारोह होंगे। जुलाई में 9,11, 12, 13 व 15 तारीख में विवाह होंगे। इनमें चंद्र बल व गुरु बल की गणना से तारीख का चयन किया जा सकता है। बाद में 17 जुलाई से देवशयनी एकादशी के साथ फिर से ऐसे आयोजनों पर विराम लग जाएगा।

Share.

About Author

Leave A Reply