मेरठ 07 अक्टूबर (प्र)। मेरठ के परतापुर स्थित हवाई पट्टी की जमीन एयरपोर्ट अथॉरिटी के सर्वे में पास हो गई है। इस पर 72 सीटर का हवाई जहाज उड़ान भर सकता है। डीजीसीए (नागरिक उड्डयन महानिदेशालय) से अब लाइसेंस की तैयारी शुरू कर दी गई है। जिला प्रशासन भी मेरठ विकास प्राधिकरण (मेडा), वन विभाग और किसानों की अधिग्रहण भूमि को एयरपोर्ट अथॉरिटी के अभिलेख में दर्ज कराने की प्रक्रिया में जुट गया है। उम्मीद है कि एक सप्ताह में प्रक्रिया पूरी कर ऑनलाइन टेंडर डाला जा सकता है।
दरअसल, हवाई पट्टी पर 53.55 हेक्टेयर जमीन है। इसमें से सिर्फ 35.37 हेक्टेयर जमीन एयरपोर्ट अथॉरिटी के अभिलेख में है, जबकि 14.39 हेक्टेयर मेरठ विकास प्राधिकरण, 5.76 हेक्टेयर किसानों, 0.440 हेक्टेयर वन विभाग और 0.0630 हेक्टेयर नाली चकरोड में दर्ज है। दावा किया गया है कि वन विभाग और प्राधिकरण के अलावा किसानों और नाली-चकरोड की भूमि को जिला प्रशासन अधिग्रहण कर चुका है। तीन साल से जिला प्रशासन हवाई पट्टी के विस्तारीकरण की बात कहकर 131 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण की तैयारी में लगा है।
राज्यसभा सदस्य डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने मौजूदा जमीन पर ही 72 सीटर हवाई जहाज की उड़ान कराने की बात कहकर एयरपोर्ट अथॉरिटी से सर्वे करवाया। अब अथॉरिटी की तकनीकी टीम ने मौजूदा जमीन में हवाई जहाज की उड़ान का दावा करते हुए रिपोर्ट दी है। इस पर जिला प्रशासन भी सहमत हो गया।
एयरपोर्ट अथॉरिटी ने प्राधिकरण और वन विभाग के अभिलेखों में दर्ज भूमि को अपने अभिलेखों में कराने की बात जिला प्रशासन से कही है। इसकी प्रक्रिया में जिला प्रशासन जुट गया है। एयरपोर्ट अथॉरिटी की सर्वे रिपोर्ट के बाद अब हवाई जहाज की उड़ान के लिए डीजीसीए से लाइसेंस लेने की प्रक्रिया तेज कर दी है।