मेरठ 07 मार्च (प्र)। मेरठ में भी अब गाजियाबाद की तर्ज पर वाहनों की फिटनेस का कार्य प्राइवेट सेक्टर को दे दिया गया है। प्रदेश के ट्रांसपोर्ट आयुक्त ने इस पर फाइनल मुहर लगा दी है। फिलहाल एक प्राइवेट कंपनी को वाहनों की फिटनेस करने के लिए हरी झंडी दी है, लेकिन इससे पहले कंपनी को कहा गया है कि मेरठ में वह अपनी तैयारी करें। परिवहन विभाग के अधिकारियों की टीम तैयारी पूर्ण होने के बाद दौरा करेगी।
समुचित व्यवस्था पूर्ण मिलने के बाद ही वाहनों की फिटनेस के लिए वहां पर अनुमति दी जाएगी। जो भी मानक है, उनको पूरा करने के लिए प्राइवेट कंपनी के कहा गया हैं। जिन वाहनों की फिटनेस अब तक आरटीओ ऑफिस में होती थी, आने वाले एक या दो माह के भीतर उन वाहनों की फिटनेस प्राइवेट सेंटर पर हुआ करेगी। फिटनेस का प्रमाण पत्र अब प्राइवेट कंपनी देगी। इसमें आरटीओ ऑफिस का किसी तरह का हस्ताक्षेप नहीं रहेगा।
दरअसल, मेरठ में तीन कंपनियों ने वाहनों की फिटनेस के लिए आवेदन किया था। जिनमें से फिलहाल एक प्राइवेट कंपनी को प्रदेश के ट्रांसपोर्ट आयुक्त ने स्वीकृति दे दी है। लखनऊ मुख्यालय से इसकी सूचन आरटीओ ऑफिस में भी आ गई हैं। जो दो अन्य कंपनियां है, वो फिलहाल वेटिंग में है। कहा जा रहा है कि मेरठ में तीन कंपनियों को वाहनों की फिटनेस की स्वीकृति दी जाएगी। तीन सेंटरों पर प्राइवेट वाहनों की फिटनेस का कार्य हुआ करेगा। ठीक ऐसे ही गाजियाबाद में कार्य चल रहा हैं। इनके पास अपनी पूरा टीम रहेगी, जिसमें इंजीनियर भी शामिल होंगे। ये कंपनी दिये गए तमाम मानकों को पूरा करेगी। यदि मानक पूरे नहीं किये तो लाइसेंस भी रिजेक्ट किया जा सकता हैं। आरटीओ ऑफिस से भी एक प्राइवेट कंपनी को फिटनेस की स्वीकृति मिलने की पुष्टि की हैं।