Saturday, July 27

शाहिद अखलाक को मीट प्लांट मामले में राहत, फैक्ट्री पर नहीं लगेगी सील

Pinterest LinkedIn Tumblr +

मेरठ 08 दिसंबर (प्र)। पूर्व सांसद शाहिद अखलाक की अल साकिब मीट प्लांट पर सील नहीं लगेगी। इसको लेकर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी हैं। इसकी सुनवाई मेडा के वीसी स्तर पर की जाएगी। सुनवाई और केस खत्म होने तक इसमें किसी तरह की सील की कार्रवाई नहीं की जा सकती। ऐसा आदेश हाईकोर्ट ने दिया हैं। इससे पूर्व सांसद शाहिद अखलाक को बड़ी राहत मिली हैं। फिर इसका मानचित्र स्वीकृत हैं, लेकिन नाम परिवर्तन को लेकर विवाद पैदा हुआ हैं, जिसको लेकर प्राधिकरण की तरफ से नोटिस दर नोटिस पूर्व सांसद को भेजे गए।

दरअसल, मेरठ विकास प्राधिकरण की तरफ से पूर्व सांसद शाहिद अखलाक की मीट प्लांट अल साकिब पर सील लगाने का नोटिस ये कहते हुए दिया गया था कि जिस नाम से मानचित्र उद्योग में स्वीकृत हैं, वो काम फैक्ट्री में नहीं हो रहा हैं। इसका नाम परिवर्तन किया जाए तथा इसका शमन कराते हुए फिर से मानचित्र स्वीकृत कराया जाए। इसको लेकर ही प्राधिकरण ने नोटिस भेजे थे। सील की कार्रवाई होती उससे पहले ही पूर्व सांसद शाहिद अखलाक इस मामले को लेकर हाईकोर्ट की शरण में चले गए थे।

हाईकोर्ट में पूर्व सांसद का पक्ष सुनने के बाद निर्णय दिया कि अल साकिब मीट प्लांट सील नहीं किया जाएगा। इसकी सुनवाई प्राधिकरण उपाध्यक्ष के स्तर पर की जाएगी। इसमें जो भी दस्तावेज होंगे वो पूर्व सांसद प्राधिकरण उपाध्यक्ष को उपलब्ध करायेंगे। सुनवाई पूरी होने तक सील की कार्रवाई नहीं की जा सकती हैं। हाईकोर्ट के इस आदेश से पूर्व सांसद को बड़ी राहत मिली हैं। दरअसल, 2017 में भी इसकी जांच हुई थी, तब शासन स्तर से जांच कराई गयी थी। जांच में इस शिकायत को खारिज कर दिया गया था कि अल साकिब का मानचित्र स्वीकृत नहीं हैं। इसका मानचित्र स्वीकृत हैं।

दरअसल, ये बिल्डिंग पूर्व सांसद ने खरीदी थी, जिसका मानचित्र उद्योग के रूप में स्वीकृत था। पहले बुनकर का कार्य इसमें होता था, फिर मीट प्लांट संचालित होने लगा। ये भी भारत सरकार से उद्योग में ही संचालित हैं। इसकी बाकायादा भारत सरकार से एनओसी जारी हुई है। ये तमाम दस्तावेज भी प्राधिकरण और शासन को उपलब्ध करा दिये गए थे, जिसके आधार पर ही शिकायत खारिज की गई थी। अब फिर से वहीं मामला चालू किया गया हैं, जिसका संज्ञान हाईकोर्ट ने लिया और सुनवाई के लिए प्राधिकरण उपाध्यक्ष के स्तर पर विवाद निपटाने के निर्देश दिये। उधर, पूर्व सांसद शाहिद अखलाक ने कहा कि न्यायालय पर उन्हें पूरा भरोसा हैं। फिर प्राधिकरण उपाध्यक्ष को इससे संबंधित तमाम दस्तावेज उपलब्ध करा दिये जाएंगे। रही बात समन की तो वो बिल्डिंग का नाम परिवर्तन और समन कराने को भी तैयार हैं।

Share.

About Author

Leave A Reply