Sunday, December 1

पीसीए अध्यक्ष पद पर रिटायर्ड जज पूनम ए बंबा की नियुक्ति

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नई दिल्ली 16 अक्टूबर। दिल्ली के राज्यपाल वीके सक्सेना ने पुलिस शिकायत प्राधिकरण के अध्यक्ष के रूप में दिल्ली उच्च न्यायालय की सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति पूनम ए बंबा की नियुक्ति को मंजूरी दी। पुलिसकर्मियों के खिलाफ गंभीर अपराधों के संबंध में जनता की शिकायतों से निपटने के लिए पीसीए (पुलिस शिकायत प्राधिकरण) की स्थापना की गई है। 31 सितंबर को सेवानिवृत्त हुए न्यायमूर्ति बंबा का नाम दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के निर्देश पर पीसीए के अध्यक्ष के रूप में भेजा गया था।

पुलिस शिकायत प्राधिकरण पुलिसकर्मियों के खिलाफ गंभीर कदाचार की शिकायतों का निपटारा करता है। ये वैसी शिकायतें होती हैं जिनका वह स्वत: संज्ञान लेता है या फिर लोग हलफनामा देकर उससे शिकायत करते हैं अथवा राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, उपराज्यपाल, दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव या प्रधान सचिव (गृह) की ओर से की शिकायतें की जाती हैं।

अधिकारियों ने कहा, ‘‘लेकिन किसी गुमनाम या छद्म नाम से की जाने वाली शिकायतों पर विचार नहीं किया जाता है।’’
उन्होंने कहा कि गंभीर कदाचार का तात्पर्य पुलिस अधिकारी का ऐसा कृत्य होगा जिसकी वजह से पुलिस हिरासत में किसी व्यक्ति की मौत हो गयी हो, उसे गंभीर चोट पहुंची हो या उससे बलात्कार किया गया हो या उससे बलात्कार की कोशिश की गयी हो।

पीसीए कानून की उचित प्रक्रिया के बिना ही किसी व्यक्ति को गिरफ्तार किये जाने या हिरासत में लिये जाने, रंगदारी, जमीन या घर हथियाये जाने की शिकायतों अथवा अधिकार के गंभीर दुरुपयोग वाली किसी अन्य घटना से भी निपट सकता है।

अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के निर्देश पर न्यायमूर्ति बंबा का नाम इस पद के लिए अग्रसारित किया गया था। वह इस साल 31 अगस्त को सेवानिवृत्त हुई थीं और वह पीसीए अध्यक्ष के तौर पर इसके पहले कार्यरत न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) पी एस तेजी की जगह लेंगी जिनका कार्यकाल 13 अगस्त को खत्म हो गया था।

पीसीए का गठन 29 जनवरी, 2018 को उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर और गृह मंत्रालय के दिशानिर्देशों पर किया गया था। पीसीए अध्यक्ष और इसके सदस्यों की नियुक्ति उपराज्यपाल करते हैं।

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