मेरठ 18 अगस्त (प्र)। सात साल पहले सरेशाम शारिक और सलमान गिरोह की गैंगवार में सैलून के अंदर पार्षद आरिफ और उसके रिश्तेदार शादाब उर्फ भूरा की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी। मामले में शारिक गिरोह के सात हत्यारोपितों को कोर्ट ने शनिवार को दोषी करार दिया। साक्ष्य के अभाव में एक आरोपित को बरी कर दिया। दोषियों को मंगलवार को सजा सुनाई जाएगी।
कोतवाली के इस्माइल नगर बर्फखाना के पास रहने वाले आरिफ वार्ड नंबर 66 से पार्षद थे। 10 जुलाई 2017 की शाम करीब सवा सात बजे वह अहमदनगर के रहने वाले रिश्तेदार शादाब उर्फ भूरा के साथ एक जनाजे में शामिल होने के लिए घर से निकले थे। कसाई वाली मस्जिद के पास बेस्ट हेयर सैलून पर आरिफ सेविंग कराने लगे, जबकि शादाब बाहर बैठा था तभी बाइक पर आए चार शूटरों ने आरिफ और शादाब पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। कई गोलियां लगने से दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। इस हत्याकांड में जेल में बंद इस्माइल नगर के रहने वाले शारिक और उसके गिरोह के तारीक, राजू, राशिद, तबिश, साकिब, कासिफ और नदीम का नाम सामने आया था। पुलिस ने उक्त आठ आरोपितों के खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया था। सात साल बाद अदालत ने शारिक समेत सात आरोपितों को दोषी करार दिया है, जबकि नदीम को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। कोर्ट ने सातों को धारा 147, 148, 149, 302, 120 बी आइपीसी में दोषी करार दिया है। इसमें उम्रकैद से लेकर फांसी तक की सजा का प्रविधान है।
असलाह की सप्लाई से शुरू हुई थी आरिफ और शारिक में गैंगवार
पार्षद आरिफ गाजी और हिस्ट्रीशीटर शारिक में 2015 से खूनी रंजिश चली आ रही थी। दोनों पक्ष असलाह की सप्लाई करते थे। शारिक पक्ष का कासिफ उर्फ चीता जाकिर कालोनी में सट्टा करवाता था। आरिफ के भतीजे सलमान ने वसूली करने के लिए उस पर फायरिंग कर दी थी। इसी बीच सोतीगंज निवासी बिलाल उसका बदला लेने के लिए आरिफ के की हत्या कर दी गई, जिसमें आरिफ, घर पर ताबड़तोड़ फायरिंग की गई थी । सलमान, असलम और आसिफ को उसके बाद जाकिर कालोनी के चमड़ा नामजद किया। पुलिस ने सभी पैठ गली नंबर 17 में रहने वाले आरोपितों को पकड़कर जेल भेज दिया शाहबाज उर्फ शैरी पुत्र आरिफ की था। उससे पहले आरिफ का भतीजा हत्या कर दी गई थी। राशिद अपने साथ किन्नर शमशाद, इस्माइल नगर का शादाब उर्फ भूरा व लिसाड़ीगेट के कच्चा घगड़ा निवासी हामिश के साथ सलमान की मिलाई को जेल गए थे। हिस्ट्रीशीटर शारिक ने शाहबाज की हत्या में शारिक, फईम, राजू, तारिक और सुलेमान को नामजद किया था। पुलिस की पड़ताल में सभी बेकसूर साबित हुए थे। जांच में सामने आया था कि अहमद नगर के सुहेब बिलोरी साथी जुबैर और जावेद निवासीगण ऊंचा पौर किदवई नगर, रिजवान निवासी उंचा सद्दीक नगर और शाहरुख उर्फ भूरा निवासी रसीद नगर ने शाहबाज की हत्या की थी। इसके बाद आरिफ पक्ष बदला लेने की ताक में था। अपने भाई फईम, चीता और छोटे के साथ मिलकर किन्नर शमशाद को मार दिया था । किन्नर शमशाद हत्याकांड का बदला लेने के लिए सलमान गिरोह ने हाजी फाको की हत्या कर दी थी। मामले में पुलिस ने सलमान गैंग के जुबेद, मोनू, इलियास और सरफराज समेत पांच हमलावरों को जेल भेजा था। शारिक पक्ष के लोग पार्षद आरिफ को निशाना बनाए हुए थे।