नई दिल्ली, 28 सितंबर । पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में एक बार हालात बिगड़ गए हैं. सरकार ने पूरे राज्य को ‘अशांत क्षेत्र’ घोषित कर दिया है. वहीं तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए इंटरनेट पर भी बैन लगा दिया गया है. हिंसा की घटनाओं में कमी आने के बाद हाल ही में सरकार ने 23 सितंबर को मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बहाल कर दी थीं.
मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदाय के बीच 3 मई से जारी हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। दो लापता स्टूडेंट्स की हत्या को लेकर प्रदर्शनकारी विरोध कर रहे हैं। उधर, 27 सितंबर को भीड़ ने थाउबल जिले में बीजेपी ऑफिस में आग लगा दी गई। इसके अलावा इंफाल में बीजेपी प्रेसिडेंट शारदा देवी के घर पर भी तोड़फोड़ की गई है।
वहीं, पुलिस ने बुधवार को प्रेस नोट जारी कर बताया कि राज्य में बीते 24 घंटे में माहौल तनावपूर्ण रहा। लेकिन हालात पर कंट्रोल किया गया। हिंसा से जुड़ी घटनाओं को लेकर 1697 लोगों को हिरासत में लिया गया है। स्टूडेंट मर्डर केस की जांच के लिए सीबीआई के स्पेशल डायरेक्टर अजय भटनागर अपनी टीम के साथ स्पेशल फ्लाइट में इंफाल पहुंच गए हैं
राज्य के पहाड़ी इलाकों में AFSPA अभी लागू रहेगा। सरकार ने इसे 1 अक्टूबर से छह महीने के लिए बढ़ा दिया है। सिर्फ 19 थाना क्षेत्रों को इससे अलग रखा गया है। राज्य के बाकी हिस्से को डिस्टर्ब एरिया घोषित किया गया है।
जिन 19 थाना क्षेत्रों को AFSPA से अलग रखा गया है, उनमें इंफाल, लेंफेल, सिटी, सिंग्जमेई, सेकमई, लामसांग, पत्सोई, वांगोई, पोरोमपट, हेंगेंग, लामलाई, इरिलबुंग, लेमखोंग, थोबुल, बिष्णुपुर, नांबोल, मोइरोंग, काकचिंग और जिरिबम शामिल हैं।
राजधानी इंफाल सहित कई जगहों पर प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच हिंसक झड़प हुई। पुलिस ने भीड़ को तितर बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले, नकली बम सहित पैलेट गन चलाई। इसमें कई स्टूडेंट घायल हो गए। वहीं, एक छात्र के सिर में छर्रे घुसने से उसकी हालत गंभीर है।
मणिपुर से दो लापता छात्रों की तस्वीर और उनके मरने की खबर जब सोशल मीडिया पर सामने आई उसके बाद घाटी में हालात एक बार फिर खराब हुए. हालात की नजाकत को समझते हुए मणिपुर के विधायकों ने गृह मंत्री अमित शाह को चिट्ठी लिखकर इस मामले की भी सीबीआई जांच करने की मांग की है. चिट्ठी के तुरंत बाद केंद्र सरकार हरकत में आई और गुरुवार की सुबह सीबीआई के बड़े अधिकारियों के नेतृत्व में पूरी टीम इंफाल की ओर रवाना हो गई. मणिपुर में हिंसा और यौन हिंसा के कई मामलों की जांच सीबीआई को सौंपी गई है.
जहां छात्राओं की मौत के बाद छात्र सड़कों पर हैं और जांच की मांग कर रहे हैं तो वहीं कुकी समाज के संगठन आईटीएलएफ ने भी सीबीआई जांच का स्वागत किया है.अफवाहों को रोकने के लिए सरकार ने 26 सितंबर से एक बार फिर मोबाइल इंटरनेट पर बैन लगाने का आदेश जारी कर दिया है.