Saturday, July 27

समाज कल्याण विभाग का सुपरवाइजर 75 हजार रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार

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मेरठ 19 जनवरी (प्र)। समाज कल्याण विभाग के सुपरवाइजर को एंटी करप्शन की टीम ने एससी/एसटी एक्ट के मुकदमे में पीड़ित से रिश्वत मांगने के आरोप में रंगेहाथ पकड़ लिया। आरोपी एसपी क्राइम के फालवर को सरकारी सहायता की रकम दिलाने के नाम पर कई दिनों से रुपयों की डिमांड कर रहा था। एंटी करप्शन की टीम ने सिविल लाइन क्षेत्र निजी हॉस्पिटल सुशीला जसवंत राय हास्पिटल के बाहर समाज कल्याण विभाग के सुपरवाइजर मनोज कुमार निवासी सेक्टर-6 जागृति विहार सेक्टर को 75 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया।

समाज कल्याण विभाग के सुपरवाइजर मनोज कुमार ने शिकायतकर्ता संदीप निवासी ग्राम ह चैनपुरा, हस्तिनापुर से 75 हजार रुपया लेने के लिए निजी हॉस्पिटल पर बुलाया था। मनोज कुमार ने जैसे ही संदीप से 500 रुपये के 150 नोटों की गड्डियां हाथ में थामी। वैसे ही पलक झपकते एंटी करप्शन की टीम ने सुपरवाइजर को दबोच लिया। एंटी करप्शन की टीम मनोज कुमार को गिरफ्तार कर सिविल लाइन थाने ले गई। एंटी करप्शन विभाग के निरीक्षक कृष्णा ने बताया कि संदीप कुमार एसपी क्राइम अनित कुमार के यहां फालवर की नौकरी करता है।

हस्तिनापुर थाने में फरवरी माह में संदीप ने कुछ लोगों पर जानलेवा हमला करने और एससी/एसटी एक्ट में कई लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। जिसमें पुलिस ने मुकदमा दर्ज करके चार्जशीट कोर्ट में भेज दी थी। एससी/एसटी एक्ट में मुकदमा दर्ज होने पर पीड़ित संदीप कुमार को प्रदेश सरकार की ओर से सहायता के तौर पर चार लाख रुपये तीन किश्तों में दिये जाने थे। पहली किश्त 25 प्रतिशत दूसरी किश्त के 50 प्रतिशत और तीसरी किश्त के 25 प्रतिशत की धनराशि पीड़ित को समाज कल्याण विभाग की ओर से दिये जाने थे। जिसमें चार्जशीट दाखिल होने के बाद पहली किश्त के एक लाख रुपये संदीप को मिलने थे, लेकिन सुपरवाइजर ने पहली किश्त देने में तरह-तरह के बहाने बताये और रिश्वत की मांग की। संदीप ने बताया कि समाज कल्याण विभाग के सुपरवाइजर ने चपरासी रंजीत से बात करने के लिए कहा। इस पर रंजीत ने कहा कि पहली किश्त के एक लाख रुपये तब दिये जायेंगे। जब आप एक लाख रुपया उन्हें दोगे। बाकी का तीन लाख रुपया दो किश्तों में आपके खाते में ट्रांसफर कर दिया जायेगा।

संदीप ने बताया कि उसने कई बार विभाग के चक्कर काटे, लेकिन पहली किश्त के एक लाख रुपये उसे नहीं दिये गये। इस पर उसने 25 हजार रुपया एडवांस के तौर पर रिश्वत की रकम मनोज कुमार को पहुंचा दी। बाकी रकम दूसरी किश्त के दौरान देना तय हुआ। जैसे ही दूसरी किश्त का दो लाख रुपया देना तय हुआ। उसे 75 हजार रुपया रिश्वत रंजीत को देना तय हुआ। गुरुवार को सुपरवाईजर ने अपने चपरासी रंजीत को 75 हजार रुपया लेने के लिए कहा, लेकिन रंजीत जैसे ही बाइक से रुपया लेने के लिए चला तो उसका एक्सीडेंट हो गया। इसलिए सुपरवाईजर मनोज खुद ही 75 हजार रुपये लेने के लिए संदीप के पास पहुंचा। संदीप से सुपरवाइजर ने नोट की गड्डी पकड़ी वैसे ही वह पकड़ा गया। देर शाम एंटी करप्शन ने सुपरवाइजर के खिलाफ थाना सिविल लाइन मेें मुकदमा दर्ज कराया।

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