Sunday, September 8

शहर काजी की मांग पर सहानुभूतिपूर्वक हो विचार

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देश के संविधान के नियमों का पालन सभी को करना होगा। इसके लिए कोई आराम से मानता है तो ठीक वरना नियमानुसार कार्रवाई होनी चाहिए। शायद इसीलिए सड़क पर नमाज पढ़ने पर प्रतिबंध होने के बावजूद अकेले यूपी के मेरठ में एक खबर के अनुसार 200 अज्ञात लोगों पर रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। वीडियो और फोटोग्राफी से पहचान कर आरोपियों पर कार्रवाई होगी। लेकिन देश में संगठित राष्ट्रीय संगठन आरएसएस के सुप्रीम मोहन भागवत और अन्य मुस्लिमों की समस्याओं के समाधान और संघ के बारे में उनकी राय बदलने के लिए जो प्रयास कर रहे हैं और इसके लिए संघ परिवार में अल्पसंख्यक ईकाई भी बनाई हुई है। कई मौकों पर मुस्लिम धर्मगुरूओं व मोहन भागवत जी द्वारा सांपद्रायिक सौहार्द व भाईचारे को बढ़ावा दिए जाने का प्रयास किया गया है तो दूसरी ओर देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी व यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ सहित अन्य बड़े नेता भी समय समय पर इस बारे में प्रयास करते नजर आते हैं। इसे मजबूती देने के लिए भाजपा मुस्लिमों को चुनाव भी लड़ा रही है और मंत्रिमंडल में स्थान भी दे रही है। हर जगह उन्हें प्रतिनिधित्व देने में भी पीछे नहीं है जो इस बात का प्रतीक है कि सरकार को किसी से परहेज या दूरी बनाने का मकसद नजर नहीं आता है। इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए मुझे लगता है कि सड़क पर जो धार्मिक आयोजन हुआ और उसमें जो कार्रवाई शुरू हुई नियमानुसार उसको करते हुए जितनी भी रियायत दी जा सके वो की जाए। मुझे लगता है कि आदेश का उल्लंघन हुआ गलत हुआ लेकिन पूर्व में हमेशा सड़क पर नमाज पढ़ी जाती रही और सब लोगों को शायद यह संज्ञान नहीं होगा कि इस बार ऐसा करने पर प्रतिबंध है। इसलिए भी मौके पर मौजूद भीड़ ने धार्मिक आस्था का पालन किया गया हो सकता है। इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए मेरठ शहर काजी प्रो जैनुससाजिददीन के इस आग्रह को ध्यान में रखकर सोचा जाना चाहिए कि हम सिर्फ दोनों ईद की नाम पर ही छूट मांग रहे हैंं। इसके लिए उन्होंने महामहिम राष्ट्रपति और अल्पसंख्यक आयोग में भी पत्राचार किया है। अब सरकार से भी ऐसा चाहती है। मुझे लगता है कि आस्था और व्वयस्था और एकदम जनसमूह को सरकारी आदेश का पालन कराने में आई परेशानी को देखते हुए शहर काजी के कथन पर विचार कर जनहित में निर्णय लिया जाना चाहिए। इस देश में हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई आपस में भाई को मानने वाले हम लोग सदभाव की मजबूती के लिए बहुत कुछ करने को तैयार रहते है। शहर काजी के इस कथन से भाईचारा मजबूत होता है तो साल में दो बार यह अनुमति देने में कोई परेशानी भी शायद नहीं होगी।

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