Saturday, July 27

किठौर में खूब चला पीडीए का जादू

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मेरठ 06 जून (प्र)। मेरठ- हापुड़ लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाली किठौर विधानसभा क्षेत्र राजनीति चर्चाओं में हमेशा रहा है। इस बार लोकसभा चुनाव में भाजपा यहां 16,737 मतों से गठबंधन से सपा के प्रत्याशी से पीछे रही। जबकि अभी दो साल पहले 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में यहां सपा प्रत्याशी से भाजपा बेहद करीबी मुकाबले में मात्र 2,180 मतों से हार गई थी। अब मात्र दो साल में ही भाजपा ने यहां करीब 14 हजार मत गवाएं हैं। भाजपा प्रत्याशी को 16737 मत मिले है।

विधानसभा क्षेत्र के तमाम ऐसे बूथ रहे जहां भाजपा को 10 से भी कम मत मिले हैं। लोकसभा चुनाव में इस बार बेहद चौंकाने वाले परिणाम सामने आए हैं। मेरठ- हापुड़ लोकसभा क्षेत्र की अगर कैंट विधानसभा क्षेत्र को छोड़ दें तो अन्य चार विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा को गठबंधन से सपा प्रत्याशी के समक्ष हार का सामना करना पड़ा है। बात किठौर विधानसभा क्षेत्र की करें तो यहां पूर्व में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा मात्र 2,180 मतों से हार गई थी। लोकसभा चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यहां सिसौली गांव में जनसभा कर माहौल बनाने का खूब प्रयास किया, लेकिन बेअसर रहा। इस विधान सभा क्षेत्र के तमाम गांवों में सपा का पीडीए (पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक) ने भी खूब रंग जमाया। यही परिणाम रहा कि मुस्लिम, दलित और पिछड़े वर्ग बहुल गांवों में गठबंधन प्रत्याशी के लिए खूब वोट हुआ।

109 बूथों पर सैकड़ा भी नहीं लगा सकी भाजपा : किठौर विधानसभा क्षेत्र में हुए मतदान की समीक्षा करते तो सामने आता है कि विस क्षेत्र के कुल 395 बूथों में से 109 बूथों पर भाजपा को 100 से कम वोट मिले। जबकि गठबंधन से सपा प्रत्याशी इस विधानसभा क्षेत्र में मात्र 63 बूथों पर सैंकड़ा नहीं लगा सकी। इस विधानसभा में सबसे खराब स्थिति बसपा की रहीं। यहां बसपा प्रत्याशी को 322 बूथों पर 100 से कम वोट प्राप्त हुए। मात्र 73 ही ऐसे बूथ थे जहां बसपा को 100 से अधिक मत प्राप्त हो सके ।

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